कांग्रेस नेता और वकील राजेश टंडन के विरुद्ध तीन महिला आईएएस अधिकारियों के बयान कोर्ट में दर्ज।

कांग्रेस नेता और वकील राजेश टंडन के विरुद्ध तीन महिला आईएएस अधिकारियों के बयान कोर्ट में दर्ज।
सोशल मीडिया पर अश्लील पोस्ट डालने का आरोप।
टंडन को अब बार एसोसिएशन की मदद की दरकार नहीं। 

=============

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और वकील राजेश टंडन के विरुद्ध अजमेर में नियुक्त तीन महिला आईएएस अधिकारियों ने सात फरवरी को धारा 164 में अदालत में बयान दर्ज करवा दिए हैं। टंडन पर सोशल मीडिया पर अश्लील पोस्ट डालने का आरोप है। 7 फरवरी को संबंधित महिला अधिकारी सबसे पहले मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट भारत भूषण शर्मा से मिली। इनके साथ जांच अधिकारी प्रियंका भी थी। न्यायाधीश शर्मा ने निर्धारित प्रक्रिया के तहत तीनों अधिकारियों को मुंसिफ वेस्ट की अदालत में बयान के लिए भेज दिया। संबंधित महिला मजिस्ट्रेट ने तीनों महिला आईएएस के धारा 164 में बयान दर्ज किए।
अदालत परिसर में हलचल:
7 फरवरी को जब एक साथ तीन महिला आईएएस बयान देने पहुंची तो माहौल गरमा गया। कुछ वकीलों ने बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अजय त्रिपाठी से शिकायत की कि महिला आईएएस शिकायकर्ता हैं, लेकिन फिर भी एक वरिष्ठ न्यायिक अधिकारी के चैम्बर में बैठीं हैं। इस पर त्रिपाठी के नेतृत्व में कुछ वकील संबंधित न्यायिक अधिकारी के पास पहुंचे, लेकिन तब चैम्बर में कोई भी महिला आईएएस मौजूद नहीं थीं। इस संबंध में न्यायिक अधिकारी का कहना रहा कि 164 के बयान की निर्धारित प्रक्रिया के अंतर्गत ही शिकायतकर्ता महिला अधिकारी आईं थीं, इसमें किसी भी प्रकार से न्याय की अनदेखी नहीं की गई है। बार अध्यक्ष त्रिपाठी न्यायिक अधिकारी के कथन से संतुष्ट दिखे। त्रिपाठी ने कहा कि सब कुछ नियमों के तहत हुआ है।
मदद की दरकार नहीं:
वकील टंडन को समर्थन देने को लेकर 7 फरवरी को जिला बार एसोसिएशन की कार्यकारिणी की बैठक नहीं हुई। एसोसिएशन के अध्यक्ष अजय त्रिपाठी ने बताया कि समर्थन के लिए पूर्व में जो प्रस्ताव दिया गया था उसे टंडन ने वापस ले लिया है। टंडन की ओर से सूचना भिजवाई गई कि वे दर्ज मुकदमों में अपना बचाव स्वयं करेंगे। टंडन को समर्थन देने या नहीं देने को लेकर 6 फरवरी को हुई बार की बैठक में कोई निर्णय नहीं हो सका था। अनेक वकीलों ने बार अध्यक्ष को ज्ञापन देकर समर्थन देने का विरोध किया था। ज्ञापन में कहा गया कि टंडन ने व्यक्तिगत स्तर पर महिला आईएएस को लेकर अश्लील पोस्ट डाली है, इसलिए वकील समुदाय का कोई सरोकार नहीं है। विवाद की स्थिति को देखते हुए ही 6 फरवरी की बैठक में कोई निर्णय नहीं हो सका था।
चार महिला आईएएस ने दर्ज करवाएं हैं मुकदमे:
सोशल मीडिया पर अश्लील पोस्ट डालने को लेकर अजमेर में नियुक्त चार महिला आईएएस ने राजेश टंडन के विरुद्ध आईपीसी की धारा 292, 293, 354(सी), 500, 501, 509 सहित महिलाओं का अशिष्ट निरुपण निषेध अधिनियम 1986 की धारा 7 के और भ्रष्टाचार रोकथाम (संशोधन) अधिनियम 2018 ओर सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 69 में दर्ज कराए गए हैं। अपनी शिकायत में इन महिला अधिकारियों ने लिखा है कि राजस्थान में लगभग 51 महिला आईएएस अधिकारी तैनात हैं इनमें से पांच अजमेर में हैं और इन्हीं में से एक मैं हंू। कुछ दिन पूर्व वकील राजेश टंडन ने जो कि पूर्व लोक अभियोजक भी रहे हैं, एक सोशल साईट पर अलग अलग ग्रुप में मैसेज पोस्ट कर दावा किया कि एक आईएएस अधिकारी का एक वीडियो जिसमें अप्राकृतिक यौन संबंध की बात करते हुए इस तरह की सेवाओं में काम करने वाले अधिकारियों से दूरी बनाए रखने की सलाह दी है। यह भाषा अपमानजनक और अभद्र और अजमेर में कार्यरत महिला अधिकारियों की छवि को खराब करने वाली है। इसके साथ ही लोक सेवक को धमकी देने वाली है। ऐसी पोस्ट से उन अधिकारियों पर दबाव बनाने का प्रयास किया गया है जो ईमानदारी से अपना काम कर रहे हैं। ऐसी पोस्ट से आईएएस महिला अधिकारियों के बीच असुरक्षा की भावना उत्पन्न होती है। यह एक गड़ी हुई क्लिपिंग को सकती है, जिससे महिला आईएएस अधिकारियों की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने के इरादे से तैयार किया गया है। जो हमारी शालीनता और गोपनीयता के लिए खतरा पैदा करेगी। सार्वजनिक जीवन में काम कर रही महिला अधिकारियों के लिए यह पोस्ट अत्यंत पीड़ा दायक है।  इसको लेकर चर्चाएं शुरू हो गई है। इसलिए ऐसी सोशल मीडिया पर पोस्ट डालने वाले वकील राजेश टंडन के विरुद्ध मुकदमा दर्ज करें। इस शिकायत के आधार पर ही टंडन के विरुद्ध चार मुकदमें दर्ज किए गए। अब कानूनी प्रक्रिया के तहत जांच को आगे बढ़ाते हुए 7 फरवरी को शिकायतकर्ता महिलाओं के बयान मजिस्ट्रेट के समक्ष दर्ज करवाए गए हैं। इन बयानों के बाद अब जांच तेजी से आगे बढ़ सकेगी।
टंडन का इंकार:
अश्लील पोस्ट डालने के आरोप के संबंध में टंडन पहले ही इंकार कर चुके हैं। टंडन का कहना है कि पोस्ट में किसी भी महिला अधिकारी के नाम और पद का उल्लेख नहीं किया गया है। उन्होंने वकील होने के नाते सिर्फ जागरुकता के लिए पोस्ट डाली थी। पोस्ट में लोगों से अपील की गई थी कि वे ऐसी वीडियो क्लिपिंग को शेयर और फारवर्ड न करें।
(एस.पी.मित्तल) (07-02-2020)
नोट: फोटो मेरी वेबसाइट www.spmittal.in
https://play.google.com/store/apps/details? id=com.spmittal
www.facebook.com/SPMittalblog
Blog:- spmittalblogspot.in
वाट्सएप ग्रुप से जोडऩे के लिए-95097 07595
M-09829071511 (सिर्फ संवाद के लिए)
Print Friendly, PDF & Email

You may also like...