चार महिला आईएएस के प्रकरण में कांग्रेस नेता राजेश टंडन को पुलिस ने फिर तलब किया।

चार महिला आईएएस के प्रकरण में कांग्रेस नेता राजेश टंडन को पुलिस ने फिर तलब किया।
विधानसभा में सरकार के बयान नहीं देने से विधायक अनिता भदेल खफा।

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अजमेर में तैनात एक महिला आईएएस अधिकारी को लेकर अश्लील और अपमानजनक पोस्ट सोशल मीडिया पर डालने के प्रकरण में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और वकील राजेश टंडन को पुलिस ने पूछताछ के लिए एक बार फिर तलब किया है। पुलिस का मानना है कि पिछली दो घंटे की पूछताछ में टंडन ने कई सवालों के संतोषजनक जवाब नहीं दिए, इसलिए टंडन को दोबारा से नोटिस जारी कर तलब किया है। जिला पुलिस अधीक्षक कुंवर राष्ट्रदीप सिंह ने बताया कि हाईकोर्ट ने जो दिशा-निर्देश दिए हैं, अब उसी के अनुरूप जांच को आगे बढ़ाया जा रहा है। हाईकोर्ट के निर्देशों के बाद टंडन को गिरफ्तार नहीं किया जा सकता है, लेकिन पुलिस अपनी जांच को लगातार आगे बढ़ा रही है। पुलिस की जांच अंतिम चरण में है। पुलिस की जांच का निष्कर्ष 18 मार्च को हाईकोर्ट में प्रस्तुत कर दिया जाएगा। पुलिस इस मामले में पूरी गंभीरता के साथ जांच कर रही है। जांच अधिकारी डॉ. प्रियंका रघुवंशी ने प्रकरण से जुड़े सभी तथ्य जुटाएं हैं। इसी क्रम में टंडन का मोबाइल भी जांच के लिए भेजा जाएगा। चूंकि टंडन ने कथित अश्लील वीडियो देखने और सुनने की बात की है, इसलिए उनके मोबाइल की जांच करवाई जाएगी। नई तकनीक से मोबाइल का डिलीट हुआ डेटा भी मिल जाता है।
चार महिला आईएएस ने दर्ज करवाई है एफआईआर:
चूंकि टंडन ने अपनी पोस्ट में महिला आईएएस का नाम व पद नहीं लिखा, इसलिए अजमेर में तैनात चार महिला आईएएस अधिकारियों ने टंडन के विरुद्ध विभिन्न धाराओं में अलग अलग थानों पर एफआईआर दर्ज करवाई है। तीन महिला आईएएस के बयान कोर्ट में धारा 164 के तहत हो गए है। इन बयानों के बाद ही पुलिस ने टंडन को धारा 41 में नोटिस देकर पूछताछ के लिए तलब किया था, लेकिन इससे पहले ही टंडन ने हाईकोर्ट से राहत प्राप्त कर ली। पुलिस अब टंडन से पूछताछ तो कर सकती है, लेकिन गिरफ्तार नहीं।
सरकार के बयान नहीं देने पर विधायक भदेल खफा:
चार महिला आईएएस से जुड़े प्रकारण को 14 फरवरी को पूर्व मंत्री व भाजपा विधायक श्रीमती अनिता भदेल ने विधानसभा में उठाया। श्रीमती भदेल ने सोशल मीडिया पर जो पोस्ट डाली गई उसे भी विधानसभा में पढ़ कर सुनाया। श्रीमती भदेल का कहना रहा कि सरकार के रवैये की वजह से ही महिला आईएएस अधिकारियों का भी अपमान हो रहा है। यदि पुलिस समय रहते कार्यवाही कर देती तो आरोपी को हाईकोर्ट से राहत नहीं मिल पाती। उनके सवाल पर सरकार द्वारा कोई जवाब नहीं दिए जाने पर श्रीमती भदेल ने नाराजगी जताई। श्रीमती भदेल का कहना है कि इतने गंभीर विषय पर भी सरकार की ओर से जवाब नहीं दिया गया। गृहमंत्रालय का प्रभार मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पास हैं, लेकिन मुख्यमंत्री की अनुपस्थिति में संसदीय कार्यमंत्री शांति धारीवाल जवाब देते हैं, लेकिन 14 फरवरी को विधानसभा में मौजूद होने के बाद भी धारीवाल ने सरकार की ओर से जवाब नहीं दिया। इससे प्रतीत होता है कि सरकार अपराधियों को बचाने में लगी हुई है। भदेल ने कहा कि उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी से मिलकर भी सरकार से जवाब दिलाने का आग्रह किया था।
(एस.पी.मित्तल) (15-02-2020)
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