17 माह से स्मार्ट सिटी की सलाहकार समिति की बैठक ही नहीं हुई।

17 माह से स्मार्ट सिटी की सलाहकार समिति की बैठक ही नहीं हुई।
अजमेर नगर निगम की साधारण सभा में भाजपा और कांग्रेस पार्षदों ने नाराजगी जताई।
स्मार्ट सिटी लिमिटेड कंपनी के सीईओ और अजमेर के कलेक्टर के रवैये को लेकर केन्द्र और राज्य सरकार को पत्र लिखा जाएगा।
पुरातत्व विभाग से ऐलीवेटेड रोड के निर्माण की एनओसी अभी तक नहीं ली है। 

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अजमेर को स्मार्ट सिटी बनाने के लिए करोड़ों रुपए के कार्य चल रहे हो, लेकिन स्मार्ट सिटी लिमिटेड कंपनी की सलाहकार समिति की बैठक गत 17 माह से नहीं हुई है। इससे जनप्रतिनिधियों के अधिकारों का हनन हो रहा है। 19 फरवरी को स्मार्ट सिटी के कार्यों को लेकर हुई नगर निगम की साधारण सभा में भाजपा और कांग्रेस के पार्षदों ने सलाहकार समिति की बैठक नहीं बुलाने पर नाराजगी जताई। मेयर धर्मेन्द्र गहलोत ने कहा कि समिति की बैठक गत बार सितम्बर 2018 में हुई थी। राज्य सरकार ने स्मार्ट सिटी लिमिटेड कंपनी का सीईओ अजमेर के कलेक्टर को बना रखा है। ऐसे में सलाहकार समिति की बैठक बुलाने की जिम्मेदारी भी सीईओ की ही है। यह समिति इसलिए भी महत्वपूर्ण है कि इसमें सांसद, विधायक, मेयर, पार्षद आदि सदस्य हैं। बैठक नहीं होने से जनप्रतिनिधियों के अधिकारों का भी हनन हो रहा है। अधिकारी वर्ग अपनी मनमर्जी से स्मार्ट सिटी के कार्य स्वीकृत कर रहे हैं। सलाहकार समिति की बैठक नहीं बुलाने को लेकर अब केन्द्र और राज्य सरकार को पत्र लिखा जाएगा। मेयर गहलोत ने कहा कि जब सरकार ने जनप्रतिनिधियों वाली सलाहकार समिति बना रखी है, तब स्मार्ट सिटी के कार्य समिति के माध्यम से ही होने चाहिए। यहां यह उल्लेखनीय है कि इस सलाहकार समिति का एडिशनल सीईओ नगर निगम के आयुक्त को बना रखा है। निगम की साधारण सभा में आयुक्त सुश्री चिन्मयी गोपाल भी मौजूद थी, लेकिन सलाहकार समिति की बैठक नहीं बुलाने को लेकर अधिकारियों ने पार्षदों को कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया। पार्षदों का आरोप रहा कि अधिकारी वर्ग अपनी मनमर्जी से स्मार्ट सिटी के कार्य स्वीकृत कर रहे हैं, जिसमें शहर के नागरिकों की कोई रुचि नहीं है। भाजपा के पार्षद नीरज जैन ने कहा कि निर्माणाधीन ऐलीवेटेड रोड के लिए अभी तक भी पुरातत्व विभाग से एनओसी नहीं ली गई है। उन्होंने ऐलीवेटेड रोड की उपयोगिता पर भी सवाल उठाए। पार्षदों ने स्मार्ट सिटी के कार्यों की धीमी गति पर भी नाराजगी जताई। पार्षदों का कहना रहा कि ऐलीवेटेड रोड के निर्माण की वजह से शहर भर के नागरिकों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। रोड निर्माण करने वाली कंपनी और सरकारी विभागों में तालमेल नहीं होने की वजह से भी कार्य धीमी गति से हो रहा है।
(एस.पी.मित्तल) (19-02-2020)
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