उर्स शुरू होने से पहले सूफी संत ख्वाजा साहब की पवित्र मजार पर चढ़ेगी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ओर से भेजी गई चादर।

उर्स शुरू होने से पहले सूफी संत ख्वाजा साहब की पवित्र मजार पर चढ़ेगी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ओर से भेजी गई चादर।
दरगाह के खादिमों की दोनों रजिस्ट्रर्ड संस्थाओं, दरगाह कमेटी के पदाधिकारी, दीवान के उत्तराधिकारी तथा मुस्लिम प्रतिनिधियों ने पीएम निवास पर चादर ग्रहण की।
मोदी की दस्तारबंदी भी की गई। 

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संशोधित नागरिकता के विरोध में भले ही दिल्ली के शाहीन बाग में गत 70 दिनों से मुस्लिम महिलाओं का धरना प्रदर्शन जारी रहा, लेकिन 21 फरवरी को दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सरकारी आवास पर देश के प्रमुख मुस्लिम प्रतिनिधियों का जमावड़ा रहा। प्रधानमंत्री की ओर से सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती के उर्स में भेजी जाने वाली चादर को ग्रहण करने के लिए अजमेर स्थित दरगाह के खादिमों की संस्था अंजुमन सैय्यद जादगान के अध्यक्ष मोइन सरकार, अंजुमन शेख जादगान के अध्यक्ष अब्दुल जर्रार चिश्ती, दरगाह दीवान जैनुल आबेदीन के उत्तराधिकारी और उनके पुत्र सैय्यद नसीरुद्ददीन चिश्ती, दरगाह कमेटी के अध्यक्ष अमीन पठान, अशफान चिश्ती आदि उपस्थित थे। इस मौके पर केन्द्रीय अल्पसंख्यक मामलात मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी भी उपस्थित रहे। सभी मुस्लिम प्रतिनिधियों ने प्रधानमंत्री का शुक्रिया अदा किया। दीवान के उत्तराधिकारी नसीरुद्दीन चिश्ती ने शॉल ओढ़ाकर प्रधानमंत्री के लिए दुआ की। इस अवसर पर दरगाह के खादिमों के प्रनिधियों ने प्रधानमंत्री की दस्तारबंदी कर देश में अमन चैन की दुआ की। प्रधानमंत्री की दस्तारबंदी सूफी परंपरा के अनुरूप की गई। मोदी ने भी सभी मुस्लिम प्रतिनिधियों का शुक्रिया अदा किया।  अजमेर स्थित ख्वाजा साहब के उर्स में प्रधानमंत्री के द्वारा चादर भेजने की परंपरा रही है, इसी परंपरा का निर्वाह करते हुए नरेन्द्र मोदी ने भी ख्वाजा साहब के 808वें सालना उर्स में चादर भेजी है। आमतौर पर केन्द्रीय अल्पसंख्यक मामलात मंत्री ही चादर ग्रहण करते हैं, लेकिन इस बार प्रधानमंत्री निवास पर दरगाह के खादिमों और अन्य मुस्लिम प्रतिनिधियों को खासतौर से आमंत्रित किया गया। जिन मुस्लिम प्रतिनिधियों ने प्रधानमंत्री के हाथों से चादर ग्रहण की वे अब स्वयं को गौरवांवित महसूस कर रहे हैं। सभी ने प्रधानमंत्री मोदी के सरल स्वभाव की प्रशंसा भी की है। अजमेर स्थित ख्वाजा साहब की दरगाह में चांद दिखने पर उर्स की शुरुआत 26 फरवरी से होगी। लेकिन प्रधानमंत्री की चादर 25 फरवरी को ही पवित्र मजार पर चढ़ाई जाएगी। असल में उर्स शुरू होने के बाद जायरीन की संख्या बढ़ जाती है और वीआईपी लोगों की चादर आने का सिलसिला भी शुरू हो जाता है। कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी की ओर से भी प्रतिवर्ष ख्वाजा साहब के उर्स में चादर भेजी जाती है। छह दिवसीय ख्वाजा उर्स में अनेक राज्यों के मुख्यमंत्री भी अपनी ओर से चादर पेश करते है।
(एस.पी.मित्तल) (22-02-2020)
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