कोरोना वायरस की दहशत के चलते अजमेर में अखबार नहीं बटे।

कोरोना वायरस की दहशत के चलते अजमेर में अखबार नहीं बटे।
31 मार्च तक रहेगा लॉक डाउन।
प्रबंधकों ने फिर कहा हमारा अखबार संक्रमित नहीं। 

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25 मार्च को अजमेर शहर और ब्यावर, किशनगढ़ जैसे बड़े उपखंडों में दैनिक समाचार पत्रों का वितरण नहीं हुआ। इससे अखबार पढऩे वाले पाठकों को भारी असुविधा हुई। जिन पाठकों की अखबार के साथ चाय पीने की अदात है या जिन्होंने अखबार को अन्य दैनिक क्रियाओं से जोड़ रखा है उन्हें तो कुछ ज्यादा ही परेशानी हुई। भारतीय समाचार उपविक्रेता संघ के जिलाध्यक्ष प्रेम विनायका ने कहा कि हमारे साथियों में भी कोरोना वायरस की दहशत है। सरकार जब बार बार अपील कर रही है कि एक स्थान पर पांच से ज्यादा व्यक्ति एकत्रित नहीं हो, तब हमारा भी दायित्व बनता है कि प्रशासन को सहयोग करें। अजमेर शहर में करीब ढाई सौ हॉकर हैं। सभी एकजुट होकर आगामी 31 मार्च तक अखबार नहीं बांटने का निर्णय लिया है। यह निर्णय किसी अखबार प्रबंधन के खिलाफ नहीं है। हमें हमारे साथियों के स्वास्थ्य की भी चिंता है। हॉकर साथी गर्मी, सर्दी, बरसात तूफान आदि सभी परिस्थितियों में अखबार का वितरण करते रहे हैं, लेकिन इस बार महामारी की समस्या है। हम नहीं चाहते है कि हमारी वजह से किसी के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल असर पड़े। विनायका ने इस बात पर संतोष जताया कि संघ के निर्णय को सभी सार्थियों ने स्वीकार किया है। विनायका ने माना कि इस निर्णय से हॉकरों को आर्थिक परेशानी का सामना करना पड़ेगा, लेकिन समाज को स्वस्थ्य रखने के लिए यह निर्णय जरूरी है। इस संबंध में और कोई जानकारी मोबाइल नम्बर 9828402762 पर प्रेम विनायका से ली जा सकती है।
अखबार संक्रमित नहीं:
वहीं अखबार संस्थानों के प्रबंधकों ने एक फिर दावा किया है कि उनका अखबार संक्रमित नहीं है। अखबार से कोरोना वायरस का संक्रमण हो सकता है ऐसे खबरें झूठी हैं। प्रिंटिंग मशीन से लेकर कर्मचारियों तक को सेनेटाइज्ड किया जाता है। हॉकरों द्वारा अखबार नहीं बांटने की स्थिति को देखते हुए कुछ अखबार संस्थानों ने स्वयं के स्तर पर वितरण का निर्णय लिया है। कुछ का प्रयास है कि डेयरी बूथों पर अखबार पहुंचा कर ग्राहकों तक भिजवाया जाए। उल्लेखनीय है कि अखबारों में करोड़ों रुपए के विज्ञापन प्रकाशित होते हैं। अखबार का वितरण नहीं होने से विज्ञापनदाता भी विज्ञापन का प्रकाशन रोक सकते हैं। यहां यह उल्लेखनीय है कि महाराष्ट्र में पिछले कई दिनों से अखबार का वितरण नहीं हो रहा है। महाराष्ट्र के समझदार पाठक अब सोशल मीडिया पर प्रसारित खबरों से काम चला रहे है। महाराष्ट्र में अनेक न्यूज पोर्टलो ंकी जबर्दस्त विश्वसनियता है।
(एस.पी.मित्तल) (25-03-2020)
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