अशोक चांदना जी जब आप सचिन पायलट को राजनीतिक चुनौती दे सकते हो तो पंचायत समिति के वार्ड सदस्य का चुनाव लडऩे वाला राजू गुर्जर आपको चुनौती क्यों नहीं दे सकता? पायलट के प्रभाव को मिटाना या कम करना आसान नहीं है अशोक गहलोत के समर्थकों के लिए।  पंचायतीराज के चुनाव में लग सकता है कांग्रेस को झटका।


राजस्थान के खेल मंत्री अशोक चांदना को इस बात पर गुस्सा है कि नैनवा पंचायत समिति के वार्ड सदस्य का चुनाव लडऩे वाला कांग्रेस का अदना सा कार्यकर्ता राजू गुर्जर उन्हें चुनौती दे रहा है। चांदना का तर्क है कि राजनीति में मैंने ही राजू को आगे बढ़ाया, उसे सरकारी ठेके दिलवाए ओर आज राजू उन्हीं का कहना नहीं मान रहा है। चांदना इतने गुस्से में है कि राजू को बर्बाद करने की धमकी दे रहे हैं। लेकिन राजू ने भी साफ कह दिया कि मंत्री जी की सरकारी ताकत के बाद भी वह वार्ड सदस्य का चुनाव जीतेगा। हो सकता है कि राजू को सरकारी ठेके दिलवाने में चांदना ने मदद की हो, ऐसा तो हर नेता करता है। यदि कोई नेता अपने समर्थकों को लूट मार करने का अवसर नहीं देगा तो फिर समर्थक कहां से आएंगे? लूट मार करने वाले ही तो समर्थक होते हैं। चांदना का गुस्सा वाजिब हो सकता है, लेकिन सवाल उठता है कि जब अशोक चांदना मंत्री बनने के बाद सचिन पायलट जैसे दिग्गज नेता को राजनीतिक चुनौती दे सकते हैं तो फिर राजू गुर्जर उन्हें चुनौती क्यों नहीं दे सकता है। सब जानते हैं कि पायलट को प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष और डिप्टी सीएम के पद से हटाए जाने के बाद कांग्रेस की राजनीति में अशोक चांदना को गुर्जर नेता के तौर पर स्थापित करने की कोशिश की जा रही है। इसमें सीएम अशोक गहलोत की महत्वपूर्ण भूमिका है। हाल में जब कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला के नेतृत्व में गुर्जरों का आंदोलन हुआ तो सरकार की ओर से चांदना को ही वार्ता के लिए भेजा गया। चूंकि सचिन पायलट भी गुर्जर समुदाय से ताल्लुक रखते हैं, इसलिए सीएम चाहते हैं कि अशोक चांदना कांग्रेस की राजनीति पायलट की भूमिका निभाएं। सीएम का संरक्षण होने की वजह से चांदना भी सीधे पायलट को चुनौती देने में कोईकसर नहीं छोड़ रहे हैं। कई मौके पर चांदना ने पायलट पर हमला भी किया है। जुलाई में जब पायलट कांग्रेस के 18 विधायकों को लेकर दिल्ली चले गए थे। तब अशोक चांदना मजबूती के साथ गहलोत के साथ खड़े रहे। चांदना कांग्रेस के गुर्जर विधायकों के सम्पर्क में भी रहे। हो सकता है तब पायलट को भी चांदना की भूमिका पर वैसे ही गुस्सा आया हो जैसे आज राजू गुर्जर की भूमिका पर चांदना को आ रहा है। चांदना यह समझना चाहिए कि राजनीति में कोई किसी का सगा नहीं होता। आज जब आप पायलट का स्थान लेना चाहते हैं तो राजू गुर्जर बूंदी की राजनीति में चांदना का स्थान लेना चाहिए है। चांदना ने मोबाइल पर जो गुस्सा दिखाया उसे राजू गुर्जर ने वायरल कर दिया। इससे चांदना को राजू गुर्जर की हिम्मत और समझ का अंदाजा लगा लेना चाहिए। 

S.P.MITTAL BLOGGER (21-11-2020)
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