नुसरत मैडम, आखिर सामाजिक लोक लाज और मर्यादा का भी तो कोई महत्व है। यदि भारत में शादी-निकाह की वैधानिकता नहीं है तो फिर मौलवियों से उलाहना क्यों सुना? लोकसभा चुनाव के नामांकन में स्वयं को विवाहित बताया था।

ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली तृणमूल कांग्रेस की सांसद और बांग्ला फिल्मों की मशहूर अभिनेत्री नुसरत जहां का कहना है कि उन्होंने निखिल जैन के साथ तुर्की में जो निकाह-विवाह किया, उसकी भारत में कोई वैधानिकता नहीं है। इसलिए शादी के बाद तलाक का कोई सवाल नहीं उठता है। यह माना कि भारत में नुसरत और निखिल जब विवाह का रजिस्ट्रेशन करवाते तभी विवाह को वैध माना जाता। अब नुसरत कह रही है कि शादी की कोई वैधानिकता नहीं है तो यही माना जाएगा। लेकिन नुसरत उस महान भारत की निवासी हैं, जहां आज भी सामाजिक लोक लाज और मर्यादाओं का महत्व हैं। भले ही सुप्रीम कोर्ट ने वि रिलेशनशिप में रहने वालों को कानूनी मान्यता दे दी हो, लेकिन समाज में आज भी इसे बुरा ही माना जाता है। शादी या निकाह से पहले कोई लड़की और लड़का एक साथ रहते हैं तो समाज में ऐसे रिश्तों को कभी मान्यता नहीं देता। धर्म चाहे मुस्लिम हो या हिन्दू कोई नहीं चाहेगा कि लिव रिलेशनशिप को बढ़ावा मिले। गत वर्ष नवरात्रि के अवसर पर दुर्गा अष्टमी के दिन पूरे देश ने टीवी चैनलों पर देखा कि नुसरत जहां ने अपने पति निखिल जैन के साथ बंगाली परंपरा के अनुरूप सिंदूर खेलने और लगाने की रस्म में भाग लिया। दोनों ने नगाड़ों की आवाज पर डांस भी किया। तब मुस्लिम धर्म के मौलवियों ने नुसरत के इस कृत्य की खुलकर आलोचना की। मौलवियों का कहना था कि मुस्लिम धर्म ऐसे कृत्यों की इजाजत नहीं देता है। मुस्लिम महिलाओं को अपने धर्म के अनुरूप आचरण करना चाहिए। तब नुसरत और उनके समर्थकों ने मुस्लिम धर्म के जानकार मौलवियों को कट्टरपंथी बताते हुए चुप कर दिया। सवाल उठता है कि जब तुर्की में हुआ निकाह या विवाह भारत में वैध नहीं था तो कोलकाता में नुसरत और निखिल ने पति-पत्नी के तौर बंगाली परंपरा के अनुरूप सिंदूर की रस्म में भाग क्यों लिया? क्यों मौलवियों की आलोचनाओं का सहा। नुसरत आज कागज के रजिस्ट्रेशन को वैध विवाह मान रही है, जबकि भारत की परंपरा तो लड़की लड़के के साथ घूमने को विवाह निकाह मानती है। आज भी ऐसे बहुत से परिवार है कि सगाई के बाद भी लड़के लड़की को एक साथ घूमने की अनुमति नहीं देते हैं। इसके उलट नुसरत तो धार्मिक विधि विधान वाले विवाह निकाह को ही नकार रही है। नुसरत कोई साधारण महिला नहीं है, वे पश्चिम बंगाल के 24 परगना क्षेत्र से सांसद हैं। यानी कम से कम 15 लाख मतदाताओं और 30 लाख की आबादी का प्रतिनिधित्व करती है। सांसद विधायक आदि जनप्रतिनिधि जनता के लिए प्रेरणा स्रोत होते हैं। क्या नुसरत भी चाहेंगी कि 24 परगना के उनके संसदीय क्षेत्र के युवा बंगाली परंपरा के अनुरूप सिंदूर की रस्म में भाग लेने के बाद विवाह से मुकर जाएं। नुसरत अब भले ही तुर्की वाले निकाह को कानूनी दांव पेंच में उलझाएं, लेकिन 2019 के लोकसभा चुनाव के नामांकन में नुसरत ने स्वयं को विवाहिता बताया था। निखिल जैन भी अपनी जिम्मेदारी से बच नहीं सकते हैं। निखिल ने अब कोलकाता के पारिवारिक न्यायालय में तलाक का प्रार्थना पत्र दायर किया है। निखिल का यह भी कहना है कि नुसरत के गर्भवती होने की उन्हें जानकारी नहीं है, क्योंकि वे पिछले आठ माह से अलग रह रहे हैं। मीडिया खबरों में नुसरत को 6 माह की गर्भवती बताया जा रहा है। निखिल ने जब तुर्की में निकाह विवाह किया, तब यह भी समझना चाहिए था कि नुसरत आधुनिक विचारों और प्रगतिशील सोच की फिल्म अभिनेत्री हैं। जबकि जैन समाज में अहिंसा को ही सबसे बड़ा धर्म माना गया है। S.P.MITTAL BLOGGER (10-06-2021)Website- www.spmittal.inFacebook Page- www.facebook.com/SPMittalblogFollow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11Blog- spmittal.blogspot.comTo Add in WhatsApp Group- 9602016852To Contact- 9829071511

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