इसे सत्ता का प्रभाव ही कहा जाएगा कि अजमेर के जो भाजपा नेता पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की चादर चढ़ाने की रस्म में दरगाह में नदारद थे। वो भाजपा नेता 13 अप्रैल को प्रदेश की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की चादर की रस्म में नजर आ गए। मुख्यमंत्री की चादर के साथ फोटो खींचवाने में भाजपा नेताओं ने कोई कसर नहीं छोड़ी। अजमेर में इन दिनों सूफी संत ख्वाजा साहब का सालाना उर्स चल रहा है। उर्स के दौरान पवित्र मजार पर चादर चढ़ाने की परंपरा है। इसी परंपरा को निभाते हुए गत 8 अप्रैल को वाजपेयी के निजी सहायक महेश पारीक ने दरगाह में चादर पेश की। लेकिन इस मौके पर सिर्फ अजमेर विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष शिव शकंर हेड़ा ही आए, जबकि पारीक ने अजमेर के सभी भाजपा नेताओं को टेलीफोन पर सूचना दी थी। भाजपा नेताओं को यह बात पता है कि वाजपेयी अब सत्ता से बाहर हैं, इस लिए चादर के साथ रहना जरूरी नहीं है। जबकि वसुंधरा राजे इस समय मुख्यमंत्री हैं इसलिए अनिवार्य रूप से चादर के साथ दिखना है। 13 अप्रैल को जायरीन की भीड़ से दरगाह खचाखच भरी हुई थी, लेकिन फिर भी जिले के प्रभारी एवं शिक्षा राज्य मंत्री प्रो. वासुदेव देवनानी, महिला एवं बाल विकास मंत्री अनिता भदेल, मदरसा बोर्ड अध्यक्ष मेहरूनिशां टांक, वक्फ बोर्ड अध्यक्ष अबु बकर नकवी, राजस्थान धरोहर संरक्षण एवं प्रोन्नति प्राधिकरण के अध्यक्ष औंकार सिंह लखावत, संसदीय सचिव सुरेश रावत, जिला प्रमुख वंदना नोगिया, महापौर धर्मेन्द्र गहलोत, अमीन पठान, भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चे के प्रदेश अध्यक्ष मजीद खां, एडीए अध्यक्ष शिव शंकर हेडा, शहर भाजपा अध्यक्ष अरविन्द यादव, देहात भाजपा अध्यक्ष प्रो. बी.पी.सारस्वत, धर्मेश जैन, जयकिशन पारवानी, कंवल प्रकाश किशनानी, फरहाद सागर, विनीत पारीक आदि मौजूद रहे।
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(एस.पी. मित्तल) (13-04-2016)
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