क्या नगर निगम के बगैर कलेक्टर कर लेंगे अजमेर का विकास? कलेक्टर के दौरे में निगम का नहीं रहा कोई प्रतिनिधि।
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25 मई को अजमेर के जिला कलेक्टर गौरव गोयल ने अजमेर विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष शिव शंकर हेड़ा तथा कुछ इंजीनियरों के साथ नया बाजार और अन्य स्थानों का दौरा किया। लेकिन इस दौरे में नगर निगम का कोई प्रतिनिधि साथ नहीं था। प्राधिकरण के मुकाबले नगर निगम निर्वाचित संस्था है। शहर के विकास में भी निगम की भूमिका ही महत्त्वपूर्ण है। नगर निगम के पार्षदों और मेयर धर्मेन्द्र गहलोत की उपेक्षा कर कलेक्टर ने शहर के विकास को लेकर जो पहल की है, उस पर सवाल उठने लगे हैं। 25 मई के दौरे में कलेक्टर ने नया बाजार स्थित पशु चिकित्सालय के स्थान को देखा। पशु चिकित्सालय को हटाकर मल्टी स्टोरी पार्किंग बनाने की मांग अजमेर में पिछले तीस वर्षों से हो रही है। जब भी कोई नया कलेक्टर आता है तो पशु चिकित्सालय के स्थान पर पार्किंग स्थल बनाने की घोषणा करता है। 25 मई को कलेक्टर के दौरे के बाद जनसम्पर्क विभाग द्वारा जारी प्रेस नोट में कलेक्टर के हवाले से कहा गया कि पशु चिकित्सालय के स्थान पर मल्टी स्टोरी पार्किंग का निर्माण शीघ्र करवाया जाएगा। यह निर्माण पीपीपी मॉडल पर होगा। यानि किसी निजी फर्म से एमओयू किया जाएगा। अब देखना होगा कि नगर निगम के बगैर मल्टी स्टोरी पार्किंग कैसे बनाया जाता है।
नहीं मिली सूचना-गहलोत
25 मई को कलेक्टर गौरव गोयल और प्राधिकरण के अध्यक्ष शिव शंकर हेड़ा के दौरे के संबंध में मेयर धर्मेन्द्र गहलोत का कहना रहा कि निगम प्रशासन को कोई सूचना नहीं दी गई। यदि कलेक्टर की ओर से कोईसूचना आती तो वह स्वयं इस दौरे में शामिल होते। उन्होंने कहा कि विकास के लिए कलेक्टर की पहल सराहनीय है। लेकिन अच्छा हो कि इसमें जनप्रतिनिधियों की भी भागीदारी हो। उन्होंने कहा कि यदि नया बाजार में मल्टी स्टोरी पार्किंग का निर्माण होता है तो इससे पार्किंग की समस्या से निजात मिलेगी। लेकिन यह देखना होगा कि निजी कंपनी से किन शर्तों पर एमओयू किया जा रहा है। एमओयू में जनता का हित सर्वोपरी रहना चाहिए।
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(एस.पी. मित्तल) (25-05-2016)
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