तो क्या शिक्षा राज्यमंत्री वासुदेव देवनानी शिव शंकर शर्मा के मामले में झूठ बोल रहे हैं? सहायक कर्मी दिनेश शर्मा की आत्महत्या का मामला।
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27 मई को दैनिक भास्कर में राजस्थान के शिक्षा राज्यमंत्री वासुदेव देवनानी का एक बयान छपा है। इस बयान में देवनानी ने कहा कि शिव शंकर शर्मा नाम का कोई व्यक्ति उनका निजी सहायक नहीं है। इसलिए शिक्षा विभाग के सहायक कर्मचारी दिनेश शर्मा के आत्महत्या के प्रकरण से मेरा कोई सरोकार नहीं है। मालूम हो कि दिनेश शर्मा ने गत 18 मई को आत्महत्या कर ली थी। कोटपुतली के प्रागपुरा के सरकारी स्कूल में कार्यरत दिनेश शर्मा ने अपने सुसाइड नोट में आरोप लगाया कि शिक्षा राज्यमंत्री देवनानी के पीए शिव शंकर शर्मा ने तबादलों के नाम पर 16 लाख रुपए हड़प लिए हैं। तभी से यह मामला प्रदेश की राजनीति में गरम बना हुआ है। 27 मई को जब भास्कर में देवनानी का बयान छपा तो इसके साथ ही सोशल मीडिया में देवनानी और शिव शंकर शर्मा के फेसबुक अकाउंट के फोटो वायरल हो गए। देवनानी ने भी अपने फेसबुक अकाउंट पर जो फोटो पोस्ट कर रखा है, उसमें जयपुर के मोती डूंगरी के मंदिर का फोटो भी हैं, जिसमें देवनानी और शिव शंकर साथ-साथ खड़े हैं। इसी प्रकार यही फोटो शर्मा ने भी अपनी फेसबुक पर पोस्ट कर रखा है। इसके साथ ही प्रदेश का सम्पूर्ण शिक्षा विभाग व हजारों शिक्षक यह जानते हैं कि शिव शंकर ही जयपुर में देवनानी का निजी सहायक बना हुआ था। भले ही शिव शंकर की नियुक्ति सरकारी स्तर पर नहीं हुई हो, लेकिन शिव शंकर का रुतबा सरकारी से भी ज्यादा था। इतना ही नहीं देवनानी के जयपुर स्थित कार्यालय के कमरा नम्बर 6 में ही शिव शंकर हमेशा उपलब्ध रहता था। अब देखना है कि इस फोटो के वायरल होने के बाद देवनानी का क्या कहना होगा।
नोट- फोटोज मेरे ब्लॉग www.spmittal.in तथा फेसबुक अकाउंट पर देखें।
(एस.पी. मित्तल) (27-05-2016)
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