पूर्ण शराबबंदी के लिए पूरे राजस्थान में चलेगा सत्याग्रह अभियान।
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पूर्ण शराबबंदी के लिए राजस्थान भर में सत्याग्रह अभियान चलाया जाएगा। इस अभियान के प्रमुख और राजस्थान राज्य विमुक्त घुमंतु, अद्र्ध घुमंतु कल्याण बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष गोपाल सिंह केशावत ने बताया कि प्रदेश की जनता चाहती है कि पूर्ण शराबबंदी हो। जनता को भी जागरूक करने के लिए ही जिला स्तर पर सत्याग्रह अभियान चलाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जब आर्थिक दृष्टि से कमजोर बिहार राज्य पूर्ण शराबबंदी कर सकता है तो फिर राजस्थान में क्यों नहीं? जयललिता ने तमिलनाडु का दोबारा सीएम बनते ही 500 दुकानें बंद कर दी है। दुकानें खुलनें की अवधि को भी घटा दिया है। उन्होंने कहा कि राजस्थान की सीएम वसुंधरा राजे को भी चाहिए कि वे पूर्ण शराबबंदी के लिए ठोस कदम उठाएं। अभी तक यह देखा गया है कि सरकार ने गली कूचों और गांव-ढाणी में दुकानें खोलकर शराब की बिक्री को बढ़ावा दिया है। शराब की वजह से सबसे ज्यादा महिलाओं को परेशानी होती है। चूंकि इस समय सीएम के पद पर महिला बैठी हुई है इसलिए प्रदेश भर की महिलाओं को पूर्ण शराबबंदी की उम्मीद हैं। बिहार के आंकड़े बताते है कि शराबबंदी से अपराध में 40 प्रतिशत की कमी आई है। उन्होंने कहा कि शराब की बिक्री से जितना राजस्व मिलता है, उससे कहीं ज्यादा शराब से उत्पन्न होने वाली बुराईयों की रोकथाम पर खर्च हो जाता है। सवाल सिर्फ शराब का नहीं है बल्कि सामाजिक बुराईयों का भी है। उन्होंने बताया कि जिस तरह से सत्याग्रह के अभियान में लोग खासकर महिलाएं जुट रही हैं उससे यह प्रतीत होता है कि शराब की बिक्री के खिलाफ जन आक्रोश है। दो दिन पहले ही जोधपुर के मथानिया में सत्याग्रह हुआ तो हजारों लोग शामिल हुए। इसमें महंत भजनाराम महाराज, महंत माधुदास आदि ने भी पूर्ण शराबबंदी के लिए सरकार से आग्रह किया।
(एस.पी. मित्तल) (1-06-2016)
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