नरेश सालेचा के अधूरे कार्यों को पूरा करेंगे। नए डीआरएम पुनीत चावला ने कहा-काम करने का अपना-अपना तरीका।
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भारतीय रेल सेवा के युवा अधिकारी पुनीत चावला ने हाल ही में अजमेर रेल मंडल के प्रबंधक का पद सम्भाला है। पद संभालने के बाद से ही चावला ने अति सक्रियता दिखाई है। यही वजह है कि चावला की सक्रियता के समाचार रोजना अखबारों में छप रहे हैं। चावला ने अजमेर के डीआरएम का पद तब संभाला जब चारों तरफ पूर्व डीआरएम नरेश सालेचा की कार्यकुशलता की चर्चा थी। अपने कार्यकाल के अंतिम दिनों में सालेचा ने अजमेर से लेकर उदयपुर तक केन्द्रीय मंत्रियों के साथ बड़े-बड़े कार्यक्रम करवाएं। इसे सालेचा की व्यवहार कुशलता ही कहा जाएगा कि उन्होंने अजमेर में अपनी शानदार विदाई करवाई।
ऐसे माहौल में पुनीत चावला को भी अजमेर में अपने झंडे का डंडा जोरदार तरीके से गाडऩा था। नरेश सालेचा की शानदार विदाई और पुनीत चावला की जोरदार सक्रियता के माहौल में ही 7 जून को मैंने चावला के साथ सीधा संवाद किया। मुझे यह लिखने में कोई ऐतराज नहीं कि अजमेर रेल मंडल के विकास की ट्रेन को जिस तेजी से पटरी पर नरेश सालेचा ने दौड़ाया, उसकी गति को पुनीत चावला और तेज करेंगे। मेरे सीधे और सपाट सवाल के जवाब में चावला ने कहा कि हर अधिकारी के काम करने का तरीका अपना अपना होता है, लेकिन में उन सभी कार्यों को पूरा करुंगा, जिन्हें नरेश सालेचा ने अधूरा छोड़ा है। डीआरएम का पद संभालते ही अधिकारियों से साफ कहा गया कि नरेश सालेचा के कार्यकाल में जो भी कार्य स्वीकृत हुए हैं, उन्हें निर्धारित अवधि में पूरा करवाया जावे। उन्होंने माना कि सालेचा ने अपने कार्यकाल में अजमेर मंडल में रेल विकास को गति दी है।
चावला ने अपने नजरिए की बात करते हुए कहा कि मैं कोई लम्बी चौड़ी योजना बनाने में विश्वास नहीं करता। मैं वो ही योजना बनाता हंू जिसकी क्रियान्विति निश्चित अवधि में हो जाए। उन्होंने कहा कि हम अजमेर रेलवे स्टेशन पर एक ओर एस्केलेटर के निर्माण की बात तो करते हैं, लेकिन चार-पांच नम्बर के प्लेट फार्म की दुर्दशा पर ध्यान नहीं देते। कोई व्यक्ति एस्केलेटर पर चढ़कर एक बार तो खुश हो जाएगा, लेकिन जब चार व पांच नम्बर के प्लेट फार्म पर पहुंचेगा तो उसे बड़े-बड़े खढ्ढे देखने को मिलेंगे। इसलिए मैंने सबसे पहले 4 और 5 नम्बर के प्लेट फार्म की दशा सुधारने के निर्देश दिए हैं। इसी के अंतर्गत आगामी दो माह में इन दोनों प्लेट फार्म पर चमचमाते कोटा स्टोन के पत्थर लग जाएंगे।
तोपदड़ा की तरफ दरवाजा
चावला ने कहा कि अजमेर रेलवे स्टेशन का तोपदड़ा की तरफ जो दरवाजा निकालने की योजना जो पिछले तीस वर्षों से चली आ रही है, वह कोई आसान काम नहीं है। इसमें जयपुर रेल मंडल का भी सहयोग चाहिए। तोपदड़ा की ओर जो ट्रेक हैं, वह कोच की साफ-सफाई और जरूरी मेंटीनेसं के काम आता है। ऐसा ही डीपो मदार रेलवे स्टेशन पर भी है। मदार वाले डीपो को जयपुर मंडल के फुलेरा रेलवे स्टेशन पर शिफ्ट किया जाना है। जब तक मदार का डीपो फुलेरा में शिफ्ट नहीं होगा तब तक तोपदड़ा की ओर रेलवे स्टेशन का गेट निकालना मुश्किल है। उत्तर पश्चिम रेल मुख्यालय ने उनकी अध्यक्षता में जयपुर और अजमेर मंडल के अधिकारियों की कमेटी बना दी है। इस कमेटी की बैठक शीघ्र ही जयपुर में बुलाई जाएगी।
स्टेशन पर स:शुल्क सुविधाओं का विस्तार:
चावला ने कहा कि अब जमाना बदल रहा है। व्यक्ति शुल्क देकर अच्छी से अच्छी सुविधा चाहता है। कुछ लोग भले ही नि:शुल्क सुविधा के पक्षधर हों, लेकिन इससे कहीं ज्यादा शुल्क देकर सुविधा लेने वाले हैं। समाज में बढ़ती इस मानसिकता को ध्यान में रखते हुए अजमेर मंडल के बड़े रेल स्टेशनों पर आधुनिक सुविधा युक्त वेटिंग हॉल बनाए जाएंगे। इसमें यात्री प्रति घंटे का शुल्क जमाकर विश्राम कर सकता है। इसी प्रकार शुद्ध और ठंडा पानी भी न्यूनतम शुल्क देकर यात्री ले सकते हैं। उन्होंने बताया कि एक रुपए में एक लीटर पानी की सुविधा स्टेशनों पर उपलब्ध कराई जाएगी। इसका मतलब यह नहीं कि रेल प्रशासन रेल स्टेशनों पर पानी की सुविधा बंद कर देगा। सभी स्टेशनों पर पहले की तरह आरओ मशीन का पानी मिलता रहेगा। स्टॉलों पर बोतलें भी उपलब्ध होंगी। इस संबंध में निजी फार्मों से संवाद किया जा रहा है।
ग्रीन वॉल
चावला ने बताया कि अजमेर रेलवे स्टेशन के अंतर्राष्ट्रीय महत्त्व को ध्यान में रखते हुए स्टेशन के बाहर ग्रीन वॉल बनाई जाएगी। दिन में इस वॉल पर प्राकृतिक पौधे खुशबू बिखरते नजर आएंगे और शाम को आकर्षक लाइट जगमगाएगी। इस संबंध में अजमेर विकास प्राधिकरण से बात की जा रही है। इसी प्रकार अजमेर स्टेशन पर यात्रियों को वाईफाई की सुविधा दो तीन माह में मिलने लग जाएगी।
शहर में रेलवे फाटक नहीं रहेंगे बाधक:
चावला ने कहा कि आने वाले दिनों में शहर के सभी रेल फाटकों पर आरओबी और आरयूबी बन जाएंगे। उन्होंने कहा कि रेल मंत्रालय की योजना के मुताबिक किसी भी शहर में रेलवे फाटक यातायात में बाधक नहीं रहेंगे।
स्टेशन पर मिलेगी गोल्फ कार्ट
चावला ने कहा कि अब अजमेर रेलवे स्टेशन के प्लेट फार्म का विस्तार भी करीब एक किलो मीटर का हो गया है और प्लेट फार्म की संख्या भी पांच तक पहुंच गई है। ऐसे में विकलांग और बीमार यात्रियों को ट्रेनों में पहुचंने तक परेशानी होतीे है। वरिष्ठ नागरिकों के लिए भी इतना लम्बा चलना मुश्किल होता है। इसलिए अब अजमेर स्टेशन पर गोल्फ कार्ट उपलब्ध होंगी।
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(एस.पी. मित्तल) (07-06-2016)
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