परनामी जी तो फिर कैलाश मेघवाल को राजस्थान विधानसभा का अध्यक्ष क्यों बना रखा है? यदि कमल मोरारका ने राहुल गांधी के परिवार को गालियां दी तो मेघवाल ने भी वसुंधरा राजे पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए थे।
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परनामी जी तो फिर कैलाश मेघवाल को राजस्थान विधानसभा का अध्यक्ष क्यों बना रखा है?
यदि कमल मोरारका ने राहुल गांधी के परिवार को गालियां दी तो मेघवाल ने भी वसुंधरा राजे पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए थे।
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7 जून को राजस्थान प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष अशोक परनामी ने राज्यसभा चुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार कमल मोरारका को कांग्रेस के समर्थन पर कड़ा ऐतराज जताया है। परनामी ने कहा कि मोरारका ने जिन्दगी भर राहुल गांधी के पिता स्व. राजीव गांधी और दादी श्रीमती इंदिरा गांधी को गालियां दी हैं। आज वो ही कांग्रेस पार्टी मोरारका को राज्यसभा चुनाव में समर्थन दे रही है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस का कोई सिद्धांत नहीं है। इसमें कोई दोराय नहीं कि समाजवादी पार्टी में रहते हुए मोरारका ने हमेशा नेहरू-गांधी परिवार की आलोचना की, लेकिन सवाल उठता है कि क्या इस मुद्दे पर अशोक परनामी को कांग्रेस और मोरारका की आलोचना करने का हक है? सब जानते हैं कि वसुंधरा राजे के पहले कार्यकाल को लेकर भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रहे कैलाश मेघवाल ने गंभीर आरोप लगाए। यह आरोप भाजपा सरकार पर नहीं बल्कि व्यक्तिगत तौर पर मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के खिलाफ थे। मेघवाल ने आरोप मौखिक तौर पर नहीं लगाए बल्कि भ्रष्टाचार के मामले का पुलिंदा ज्ञापन के तौर पर भाजपा हाईकमान को भी सौंपा। आज वही कैलाश मेघवाल वसुंधरा राजे और परनामी की मेहरबानी से विधानसभा अध्यक्ष के पद पर बैठे हैं। क्या अशोक परनामी यह बता सकते हैं कि वसुंधरा राजे पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाने वाले कैलाश मेघवाल को विधानसभा का अध्यक्ष क्यों बना रखा है? परनामी को कांग्रेस और मोरारका पर आरोप लगाने से पहले अपने गिरेबां में झांक लेना चाहिए। जब राजे और परनामी मेघवाल को विधानसभा का अध्यक्ष बनवा सकते हैं तो फिर कमल मोरारका को कांग्रेस समर्थन क्यों नहीं दे सकती? परनामी को यह समझना चाहिए कि राजनीति में कोई स्थाई दुश्मन नहीं होता। राजनीति तो मौकापरस्तों का खेल है। मोरारका की उम्मीदवारी भाजपा के चारों उम्मीदवारों को निर्विरोध चुनाव जीतने से रोकने के लिए है। वैसे भी परनामी को घबराने की कोई जरुरत नहीं है, क्योंकि भाजपा के चारों उम्मीदवार जीत ही जाएंगे।
(एस.पी. मित्तल) (07-06-2016)
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