ट्रस्ट बनाने को लेकर अजमेर के श्वेताम्बर स्थानकवासी जैन समाज में विवाद। रूपमुनि जी महाराज के दौरे पर असमंजस।

#1441
image
——————————————-
अजमेर के कोटड़ा स्थित बी.के.कौल नगर में चार हजार वर्गगज भूमि पर निर्माण से पहले ट्रस्ट बनाने को लेकर श्वेताम्बर स्थानकवासी जैन समाज में विवाद हो गया है। इस विवाद के चलते ही ख्याति प्राप्त जैन संत रूपमुनि महाराज के 14 जून के अजमेर दौरे पर असमंजस की स्थिति हो गई है। बी.के.कौल नगर की करोड़ों रुपए की भूमि पर सभागार छात्रावास आदि के निर्माण के लिए ट्रस्ट बनाने की पहल की गई थी। प्रकाश चौपड़ा, कैलाश गेलड़ा, सतीश सांखला, सुमितमल लोढ़ा, उमराव चौपड़ा आदि ने बाजारों में बैनर लगाकर घोषणा कर दी कि 14 जून को ख्याति प्राप्त जैन संत रूपमुनि जी महाराज अजमेर आकर भूमि पूजन और शिलान्यास करेंगे। यह भी कहा गया कि श्री वर्धमान स्थानकवासी श्रावक संघ अजमेर के नाम का एक ट्रस्ट बनाया जा रहा है और इस ट्रस्ट के सदस्य एक-एक करोड़ रुपए की राशि दान देंगे। समाज के इन प्रतिनिधियों की ओर से कहा गया कि उनकी नीयत चार हजार वर्गगज भूमि पर कब्जा करने की नहीं है, बल्कि समाज की सम्पत्ति में वृद्धि करने की है। ट्रस्ट के बनने से खाली पड़ी भूमि का उपयोग भी हो जाएगा। जिस तरह से ट्रस्ट बनाने की प्रक्रिया शुरू हुई, उसको लेकर स्थानकवासी जैन समाज दो फाड़ हो गया। मुकेश करनावट, प्रकाश काटेड़, हेमंत नाहर, सुनील पोखरणा आदि प्रतिनिधियों का कहना था कि आज बी.के.कौल नगर की भूमि की कीमत कईकरोड़ रुपए की हो गई हो, लेकिन पूर्व में जब इस भूमि को रियायती दर पर सरकार से लिया था, तब 35 लाख रुपए की राशि को समाज के आम व्यक्ति से एकत्रित किया था। किसी ने 100 रुपए तो किसी ने लाख रुपए दिए। ऐसे में इस चार हजार वर्गगज भूमि पर समाज के प्रत्येक व्यक्ति का मालिकाना हक है। यदि ट्रस्ट बन गया तो कुछ लोग ही भूमि के मालिक बन जाएंगे। प्रतिनिधियों का कहना रहा कि जो भी निर्माण हो वह श्री वर्धमान स्थानकवासी श्रावक संघ के बैनर तले ही होना चाहिए। यह संस्था भी रजिस्टर्ड है और इसके पदाधिकारियों के चुनाव भी नियमानुसार होते हैं। इस विवाद ने 5 जून को तब विकराल रूप ले लिया, जब समाज के सैकड़ों लोग श्रावक संघ के अध्यक्ष शिखरचंद सिंघी के पास एक ज्ञापन लेकर पहुंच गए। अरुण पोखरणा, गणपत चपलोत, अनिल चौधरी, मनोहर सिंह बोहरा आदि के नेतृत्व में दिए गए ज्ञापन में कहा गया कि किसी भी हालत में ट्रस्ट बना तो समाज का आम व्यक्ति कड़ा विरोध करेगा। इसके साथ ही रूपमुनि महाराज को भी संदेश भिजवाया गया कि वे 14 जून को भूमि पूजन और शिलान्यास करने के लिए अजमेर नहीं आए। हालांकि अध्यक्ष सिंघी ने भरोसा दिलाया कि समाज के आम व्यक्ति की भावना के खिलाफ कोई काम नहीं किया जाएगा। सिंघी के भरोसे के बाद भी ट्रस्ट बनाने में रुचि रखने वाले शांत नहीं हुए हंै। अभी भी कहा जा रहा है कि 14 जून को रूपमुनि महाराज भूमि पूजन के लिए अजमेर आएंगे ही। इस सक्रियता की वजह से ही स्थानकवासी जैन समाज में विवाद की स्थिति बनी हुई है।
श्वेताम्बर जैन समाज में रूपमुनि महाराज का जबरदस्त मान सम्मान है। कई बार समाज में विवाद की स्थिति में रूपमुनि ही अपने विशेषाधिकारों का उपयोग करते हैं। कुछ लोग चाहते हैं कि 14 जून को रूपमुनि जी अजमेर आए और समाज के छोटे-बड़े विवादों का निपटारा करें। वही यह भी कहा जा रहा है कि विवाद की स्थिति को देखते हुए ही जैन संत रूपमुनि महाराज 14 जून को स्वयं ही अजमेर आना नहीं चाहते हैं।
नोट- फोटोज मेरे ब्लॉग www.spmittal.in तथा फेसबुक अकाउंट पर देखें।

(एस.पी. मित्तल) (08-06-2016)
(www.spmittal.in) M-09829071511

Print Friendly, PDF & Email

You may also like...