अजमेर में नरेगा कार्यस्थल पर चौथी मौत। आखिर क्यों परवाह नहीं कर रहा प्रशासन?
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20 जून को अजमेर में नरेगा कार्यस्थल पर एक और महिला की मौत हो गई। जिले में नरेगा कार्य स्थल पर यह चौथी मौत है। इससे पहले पीसांगन पंचायत समिति में दो और मसूदा क्षेत्र में एक श्रमिक की भीषण गर्मी की वजह से मौत हो चुकी है। जानकारी के मुताबिक पचास वर्षीय उगमी देवी जब पीसांगन पंचायत समिति की मायापुर ग्राम पंचायत के नाहर पुरा गांव में मिट्टी खोदने का काम कर रही थी, तभी प्रात: 8 बजे उसकी तबीयत खराब हो गई। उगमी को बेहोशी की हालत में सराधना के प्राथमिक चिकित्सालय में लाया गया, लेकिन चिकित्सकों ने तत्काल ही अजमेर के जेएलएन अस्पताल रैफर कर दिया। अजमेर के अस्पताल के चिकित्सकों ने जांच के बाद उगमी को मृत घोषित कर दिया। माना जा रहा है कि भीषण गर्मी में मिट्टी खोदने के काम की वजह से उगमी की मौत हो गई। प्रतिवर्ष गर्मी के दिनों में नरेगा के कार्य के समय में कटौती कर दी जाती है, लेकिन इस बार नरेगा श्रमिकों को दोपहर तक काम करना पड़ रहा है। भीषण गर्मी में कार्य स्थलों पर छाया व पानी के भी इंतजाम नहीं है, इसलिए श्रमिकों की तबीयत लगातार खराब होती है। अब तक चार श्रमिकों की मौत भी हो चुकी है। नियमों के मुताबिक कार्य स्थलों पर प्राथमिक चिकित्सा सुविधा भी उपलब्ध होनी चाहिए, लेकिन अधिकांश नरेगा कार्य स्थलों पर ऐसी सुविधा नहीं है। श्रमिकों की लगातार मौतों के बाद भी जिला प्रशासन लापरवाही बना हुआ है। प्रशासन ने कार्य स्थलों पर समुचित सुविधाएं उपलब्ध नहीं करवाई है।
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(एस.पी. मित्तल) (20-06-2016)
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