सचिन पायलट ने सोनिया गांधी से करवाया फोन, तब माने गुरुदास कामत। महाराष्ट्र नहीं राजस्थान है वजह।
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24 जून को दिल्ली में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के दफ्तर में बैठक कर गुरुदास कामत ने फिर से राष्ट्रीय महासचिव का पद संभाल लिया है। पद संभालते ही कामत ने कहा कि इस्तीफा वापस लेने के लिए राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी ने भी आग्रह किया था। इसीलिए मैं फिर से कांग्रेस में आ गया हंू। कामत महाराष्ट्र में राजनीति करते हंै, लेकिन लगातार हो रही उपेक्षा के चलते पिछले दिनों कामत ने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया था। जानकारों की माने तो कामत के इस्तीफे से महाराष्ट्र की राजनीति पर कोई असर नहीं पड़ा, इसलिए महाराष्ट्र के किसी भी बड़े नेता ने कामत की वापसी के प्रयास नहीं किए। लेकिन कामत के इस्तीफे का असर राजस्थान की कांग्रेस की राजनीति पर जरूर पड़ा। कामत राजस्थान के प्रभारी महासचिव हैं और उन्हें प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट का संरक्षक माना जाता है। कामत वो ही करते हैं जो पायलट कहते हैं। दिग्गज कांग्रेसियों के सामने युवा पायलट को राजस्थान में स्थापित करवाने में कामत की सक्रिय भूमिका रही है। पायलट के कहने पर ही कामत ने जिला स्तरीय समारोह तक में भाग लिया। पायलट को पता था कि जितना सहयोग कामत ने किया है, उतना दूसरा प्रभारी महासचिव नहीं करेगा। यही वजह रही कि कामत की शर्त के मुताबिक पायलट ने सोनिया गांधी से फोन करवा दिया। कामत भी मानते हैं कि सचिन पायलट, राहुल गांधी वाले चैनल से सोनिया गांधी से फोन करवा सकते हैं। सोनिया गांधी के फोन के बाद तो कामत इंकार नहीं कर सकते थे। इसलिए अपनी वापसी का श्रेय कामत ने सोनिया गांधी के साथ-साथ पायलट को भी दिया। 24 जून को कामत की वापसी के समय दिल्ली में कांग्रेस दफ्तर में महाराष्ट्र के बजाए राजस्थान के कांग्रेसी ही थे। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि कामत की वापसी में पायलट की कितनी भूमिका है। हो सकता है कि अगले दो चार दिनों में कामत का राजस्थान में शानदार स्वागत हो, क्योंकि महाराष्ट्र में तो स्वागत का कोई प्रोग्राम नजर नहीं आ रहा।
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(एस.पी. मित्तल) (24-06-2016)
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