पाक राजदूत अब्दुल बासित का बयान शर्मनाक। सीएम महबूबा ने दी 8 शहीद जवानों को श्रद्धांजलि। पवित्र रमजान माह में आतंकी हमले।
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26 जून को जम्मू कश्मीर के श्रीनगर में सीएम महबूबा मुफ्ती और उनके मंत्रिमंडल के सदस्यों ने सीआरपीएफ के उन आठ जवानों को श्रद्धांजलि दी जो 25 जून को पंपोर के आतंकी हमले में शहीद हो गए थे। महबूबा ने जवानों के शवों पर पुष्पचक्र चढ़ाए और इस बात पर अफसोस जताया कि रमजान के पवित्र माह में आतंकवादी लगातार हमले कर रहे हैं। एक ओर सीएम महबूबा शहीदों के शवों पर चक्र चढ़ा रही हैं तो दूसरी ओर दिल्ली में बैठे पाकिस्तान के राजदूत अब्दुल बासित हमारे जवानों की शहादत का मजाक उड़ा रहे हैं। बासित ने 25 जून को दिल्ली स्थित पाक दूतावास परिसर में इफ्तार पार्टी का आयोजन किया। इस पार्टी में जब पत्रकारों ने आठ जवानों की मौत पर सवाल पूछा तो बासित का कहना था कि अभी तो आप इफ्तार पार्टी का आनंद लें। सवाल उठता है कि क्या पाक दूतावास में हो रही इफ्तार पार्टी में सीआरपीएफ के आठ जवानों की मौत पर कोई जश्न मनाया जा रहा था? पाक राजदूत चाहते तो पत्रकारों के सवाल को टाल भी सकते थे, लेकिन बासित ने जले पर मिर्च छिड़कने वाली कहावत को चरितार्थ किया। सब जानते हैं कि कश्मीर में पाकिस्तान से आए आतंकी ही हमारी सेना पर हमले करते हैं। शायद इसलिए बासित ने हमारे जवानों की शहादत का मजाब उड़ाया है। जो जवान शहीद हुए हैं, उनके परिजन की हालत क्या होगी, इसका अंदाजा लगाया जा सकता है। पाक राजदूत ने तो हंसते हुए कह दिया कि इफ्तार पार्टी का आनंद लें। लेकिन बासित उस महिला की हालत जाने जो विधवा हो गई है, जो अब अपने भाई की कलाई पर राखी नहीं बांध सकेगी। मां अपने बेटों को नहीं देख पाएगी और बच्चे अब किसे पिता कहेंगे?
यह कैसा रमजान माह
दुनिया भर के सच्चे मुसलमान रमजान माह में इबादत कर रहे हैं। इस माह में मुसलमान अपनी आय का ढाई प्रतिशत जरुरत मंदों में वितरित करते हैं, इसे जकात कहा जाता है। रमजान माह में दिन भर भूखे और प्यासे रह कर जाने-अनजाने में हुए गुनाहों का प्रयाश्चित किया जाता है। शायद ही कोई मुसलमान होगा जो इस पवित्र माह में किसी व्यक्ति की हत्या कर दे। लेकिन इसे अफसोसनाक ही कहा जाएगा कि कश्मीर में रमजान माह में हर दिन आतंकी हमले हो रहे हैं। समझ में नहीं आता कि यह आतंकी कौन से मुसलमान हैं। जिस मुस्लिम धर्म में रमजान माह में स्वयं भूखे प्यासे रह कर जरुतरमंदों की मदद करने की शिक्षा दी गई है, उसी धर्म के कुछ लोग निर्र्दोष लोगों की हत्या कर रहे हैं।
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(एस.पी. मित्तल) (26-06-2016)
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