भाजपा के कंधे पर सवार होकर पासवान ने किया अपनी पार्टी का प्रचार। मोदी के बजाए खुद के लगवाए जयकारे के नारे। तीन दिन का दौरा एक दिन में खत्म।
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भाजपा के कंधे पर सवार होकर पासवान ने किया अपनी पार्टी का प्रचार।
मोदी के बजाए खुद के लगवाए जयकारे के नारे।
तीन दिन का दौरा एक दिन में खत्म।
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27 जून को अजमेर में नरेन्द्र मोदी की सरकार का तीन दिवसीय विकास पर्व का उत्सव समाप्त हो गया है। इस उत्सव को मनाने के लिए केन्द्रीय मंत्री रामविलास पासवान, गिरीराज सिंह और भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव खासतौर से अजमेर आए। पीएम मोदी की योजना के मुताबिक सत्ता और संगठन के समूह को केन्द्र सरकार की दो वर्ष की उपलब्धियों की जानकारी देनी थी, लेकिन अजमेर में केन्द्रीय मंत्री पासवान भाजपा के कंधे पर सवार होकर अपनी लोकजन शक्ति पार्टी का प्रचार कर गए। 26 जून को वैशाली नगर स्थित होटल गुलमर्ग में जो संवाददाता सम्मेलन आयोजित हुआ उसमें बड़ी संख्या में पासवान की पार्टी के कार्यकर्ता घुस आए। हालांकि पासवान की पार्टी का अजमेर में कोई खास वजूद नहीं है, लेकिन प्रदेश के दूसरे शहरों से आकर कार्यकर्ताओं ने पासवान के सम्मुख अपनी शक्ति का प्रदर्शन किया। संवाददाता सम्मेलन में ही समर्थकों ने पासवान जिन्दाबाद के नारे लगाए। जब समर्थक नारे लगा रहे थे, तब भाजपा के नेताओं का आश्चर्य हो रहा था, क्योंकि नारे तो नरेन्द्र मोदी के लिए लगने चाहिए थे। इतना ही नहीं पत्रकारों के लिए जो लंच का इंतजाम किया गया, उसमें भी पासवान के समर्थक घुस आए। हालात इतने बिगड़े की होटल के रसोई घर तक में पहुंच कर दाल, चावल, रोटी, सब्जी की छीना-झपटी हो गई। पासवान के समर्थकों की इस हरकत को देखते हुए भाजपा के नेता पत्रकारों को छोड़कर मौके से भाग गए। जो शिक्षा राज्यमंत्री वासुदेव देवनानी, खादी बोर्ड के अध्यक्ष शम्भु दयाल बडग़ुर्जर भाजपा के देहात अध्यक्ष बी.पी.सारस्वत, शहर अध्यक्ष अरविंद यादव, जिला प्रमुख वंदना नोगिया, विधायक सुरेश सिंह रावत आदि संवाददाता सम्मेलन में पासवान के साथ फोटो खींचवाने के लिए मंच पर चिपके हुए थे वे पासवान के समर्थकों की छिना-झपटी कहीं भी नजर नहीं आए। सवाल पत्रकारों के मान और अपमान का नहीं है बल्कि भाजपा की व्यवस्था का है। क्या भाजपा नेताओं की यह जिम्मेदारी नहीं थी कि वे संवाददाता सम्मेलन के सारे इंतजामों को सही प्रकार से सम्पन्न करवाते। जहां तक पासवान और उनके समर्थकों का सवाल है तो उनका तो कोईदोष नहीं है, क्योंकि जब पासवान केन्द्र की भाजपा सरकार में मजे कर रहे हैं तो फिर उसके समर्थक भाजपा के जश्न में मजे क्यों न करें?
पार्टी के लगे झंडे बैनर:
विकास पर्व में माना तो यही जा रहा था कि शहर में नरेन्द्र मोदी के बैनर और भाजपा के झंडे लगेंगे, लेकिन इसके उलट पासवान की पार्टी के बैनर और झंडे शहर भर में लगाए गए। यह झंडे बैनर किसने लगाए इसकी कोई जानकारी नहीं है, लेकिन कहा जा रहा है कि पासवान के पास जो विभाग हैं, उनके अधिकारियों ने ही प्रचार-प्रसार किया। यानि विकास पर्व पर भाजपा का नहीं लोकजन शक्ति पार्टी का प्रचार हुआ।
तीन दिन का दौरा एक दिन में पूरा:
पीएम मोदी की योजना के मुताबिक सत्ता और संगठन के समूह को तीन दिन लगातार अजमेर में रहना था, लेकिन अब नरेन्द्र मोदी को भी यह जानकार आश्चर्य होगा कि पासवान एक दिन में ही अजमेर से रवाना हो गए। पासवान को 25, 26 और 27 जून तक अजमेर में ही रहना था, लेकिन पासवान 25 जून की रात को 10 बजे अजमेर जिले के किशनगढ़ में आए और 26 जून शाम को 6 बजे अजमेर से रवाना हो गए। किशनगढ़ में पासवान की मार्बल और पावरलूम व्यापारियों, श्रमिकों से रात 8 बजे मुलाकात करनी थी, लेकिन पासवान रात 10 बजे किशनगढ़ पहुंचे। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि पासवान ने नरेन्द्र मोदी की सरकार के विकास पर्व पर कितनी गंभीरता दिखाई है। तीन दिन का दौरा मात्र एक दिन में पूरा करने से भी प्रतीत होता है कि पासवान की अपनी ही सरकार की उपलब्धियां बताने में कोई रुचि नहीं है।
(एस.पी. मित्तल) (27-06-2016)
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