एक हजार 500वां ब्लॉग और एक हजार व्हाट्स-एप ग्रुप। बना रहे पाठकों का स्नेह।
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एक हजार 500वां ब्लॉग और एक हजार व्हाट्स-एप ग्रुप।
बना रहे पाठकों का स्नेह।
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28 जून को पाठकों के सामने मेरा एक हजार 500वां यह ब्लॉग प्रस्तुत है। मैंने कोई डेढ़ वर्ष पहले सोशल मीडिया पर ब्लॉग लिखना शुरू किया था। तब मुझे यह उम्मीद नहीं थी कि इतनी जल्दी पाठकों का प्यार और स्नेह इतनी बड़ी मात्रा में मिलेगा। मैं पाठकों के साथ-साथ ईश्वर का धन्यवाद करना चाहता हंू कि आज मेरे लिखे ब्लॉग को लाखों लोग अजमेर राजस्थान और देशभर में पढ़ रहे हैं। ब्लॉग की लोकप्रियता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि मुझे एक हजार व्हाट्स एप ग्रुप ने जोड़ रखा है। मेरे लिए इससे ज्यादा और कोईसम्मान की बात नहीं हो सकती। मैं तीन चार मोबाइल फोनों के माध्यम से एक हजार व्हाट्स एप ग्रुप में रोजना अपने ब्लॉग पोस्ट करता हंू। ब्लॉग पोस्ट करने की अपनी एक क्षमता है, जिसे अब और आगे बढ़ाना मुश्किल प्रतीत हो रहा है। ऐसे में मैं अपने पाठकों से यह आग्रह करना चाहंूगा कि अब व्हाट्स-एप के बजाए मेरे ब्लॉगों को वेबसाइट और फेसबुक पेज पर पढ़े। वेबसाइट और फेसबुक पेज मेरे ही नाम से हैं। पाठकों को वेबसाइट और फेसबुक पेज पर फोटो भी देखने को मिलेंगी।
जिस तेजी के साथ मेरे ब्लॉगों का विस्तार हुआ है, उसी तेजी के साथ अब दूर दराज से बड़ी संख्या में मेरे पास खबरें आने लगी है। मैं ऐसी सभी खबरों को ब्लॉग में स्थान नहीं दे पा रहा हंू। असल में मेरा ब्लॉग आज अजमेर के साथ-साथ राजस्थान और देश के प्रमुख शहरों में पढ़ा जाता है। ऐसी स्थिति में मुझे हर स्तर के पाठक को ध्यान में रखते हुए लिखना पड़ता है जो लोग राजस्थान से बाहर रहते हैं। उनकी रुचि अजमेर की खबरों में कम होती है। मैं इसे पाठकों का दबाव ही मानता हंू कि हर ब्लॉग में लिखी बातों का शासन व प्रशासन पर असर होता है। अनेक पाठकों की मुझसे यह शिकायत है कि उनके संदेशों का मैं जवाब नहीं देता। आप कल्पना कीजिए कि जब एक हजार व्हाट्स-एप ग्रुप के दो लाख से भी जयादा लोग पढ़कर संदेश भेजेंगे तो मैं कितनों का जवाब दे पाऊंगा। लेकिन में इस बात का पूरा प्रयास करता हंू कि हर संदेश को पढूृं। मुझे जो भी सुझाव अथवा आलोचनाएं प्राप्त होती हैं, उन सबका ब्लॉग लिखने के समय असर होता है। चूंकि फेसबुक पर पांच हजार दोस्त बन चुके हैं, इसलिए अब किसी भी पाठक को मुझे दोस्ती का प्रस्ताव करने की जरुरत नहीं है। नए पाठक सीधे मेरे फेसबुक पेज को लाइक कर मुझसे जुड़ सकते हैं। देशभर के पाठकों का स्नेह मुझ पर बना रहे, ऐसी मेरी ईश्वर से प्रार्थना है।
नोट- फोटोज मेरी वेबसाइट spmittal.in फेसबुक अकाउंट पर देखें।
(एस.पी. मित्तल) (28-06-2016)
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