मकसद में कामयाब नहीं हुई काला धन बाहर निकलने की जागरूकता रैली। इनकम टैक्स अफसरों ने पब्लिक स्कूलों के बच्चों को दौड़ाया।

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केन्द्रीय वित्त मंत्री अरूण जेटली ने काला धन बाहर निकलने के प्रति जागरूकता के लिए 17 जुलाई को देश के प्रमुख शहरों में रैली का आयोजन करवाया। इनकम टैक्स के अफसरों ने जागरूकता रैली अजमेर में भी की, लेकिन यह रैली अपने मकसद में कामयाब नहीं हो सकी। मोदी और जेटली की मंशा थी कि इस रैली में शहर के प्रमुख व्यापारी, वकील, सीए आदि भाग लें, ताकि स्कीम के अनुरूप अघोषित आय को घोषणा 30 सितम्बर तक करवाई जा सके, लेकिन अजमेर की रैली में वकील, व्यापारी, सीए आदि वर्ग के लोग तो नाममात्र के थे। रैली में जिन पांच सौ से अधिक बच्चों ने भाग लिया, वे सभी पब्लिक स्कूलों के विद्यार्थी थे। इन स्कूलों के मालिकों का काम इनकम टैक्स विभाग में पड़ता है इसलिए पब्लिक स्कूलों के मालिकों को बच्चों को रैली में भेजना मजबूरी थी। रैली की शुरूआत में जब अजमेर के आयकर आयुक्त (अपील) अनिल कुमार से जन भागीदारी के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि हमने तो सभी को सूचना भेजी थी।
भाजपा के नेता भी नदारद :
सत्तारूढ़ भाजपा के मंत्री और नेता भी 17 जुलाई को जागरूकता रैली में अनुपस्थित रहे। अजमेर से जुड़े मंत्री वासुदेव देवनानी और अनिता भदेल किसी भी रैली को हरी झण्डी दिखने के लिए गली कूचों में पहुंच जाते हंै, लेकिन प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री की जागरूकता रैली में भाजपा का एक भी नेता नहीं आया। इसी प्रकार अजमेर जिला प्रशासन ने भी रैली में कोई रूचि नहीं दिखाई।
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(एस.पी. मित्तल) (17-07-2016)
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