समधन किरण माहेश्वरी के कारण नहीं बल्कि अपने काम के बल पर सफल हुए प्रो. सोडानी। एमडीएस यूनिवर्सिटी के कुलपति के पद पर दो वर्ष पूरे होने पर विशेष।
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समधन किरण माहेश्वरी के कारण नहीं बल्कि अपने काम के बल पर सफल हुए प्रो. सोडानी।
एमडीएस यूनिवर्सिटी के कुलपति के पद पर दो वर्ष पूरे होने पर विशेष।
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अजमेर स्थित एमडीएस यूनिवर्सिटी के कुलपति के पद पर प्रो. कैलाश सोडानी को 18 जुलाई को दो वर्ष पूरे हो गए। सब जानते हैं कि प्रोफेसर सोडानी की पुत्री का विवाह प्रदेश की जलदाय मंत्री और भाजपा की वरिष्ठ नेता किरण माहेश्वरी के पुत्र के साथ हुआ है। इसीलिए यह माना जाता है कि प्रो. सोडानी की सफलता के पीछे समधन किरण माहेश्वरी का हाथ है, लेकिन यूनिवर्सिटी में कुलपति के पद पर रहते हुए प्रो. सोडानी ने यह साबित किया कि वे अपने काम के बल पर सफल हुए हैं। कुलपति के तौर पर जो महत्त्वपूर्ण फैसले किए उसकी वजह से यूनिवर्सिटी में क्रांतिकारी बदलाव देखने को मिले। प्रो. सोडानी एक सफल शिक्षाविद् भी हैं। इसलिए उन्होंने प्रशासनिक ढर्रे को सुधारने के साथ यूनिवर्सिटी की एकेडमिक स्थिति को भी सुधारा। प्रो. सोडानी के खास फैसले निम्न प्रकार है:-
परीक्षा संबंधी कार्यों में पारिश्रमिक राशि को दो गुना करना।
संबंद्ध कॉलेजों में व्याख्याता की कमी पर पैनेल्टी के बजाए नियुक्ति पर जोर।
विश्वविद्यालय परिसर में दस नए पाठ्यक्रम शुरू करवाए।
बंद पड़े शोध कार्य की शुरुआत।
एसोसिएट प्रोफेसरों को प्रोफेसर के पद पर पदोन्नति।
1998 के बाद पहली बार 22 शिक्षकों की नियुक्ति की मंजूरी।
15 वर्ष के बाद सहायक रजिस्ट्रार की नियुक्ति।
विश्वविद्यालय में सिंधु पीठ, अम्बेडकर पीठ और पृथ्वीराज शोध पीठ की स्थापना।
सात साल बाद 2015 में दीक्षांत समारोह का आयोजन।
उत्तर पुस्तिका मूल्यांकन में बार कोडिंग की व्यवस्था लागू।
विश्वविद्यालय के इतिहास में पहली बार यूथ फेस्टिवल का आयोजन।
भरत मुनि रंगमंच व विभिन्न भवनों का निर्माण।
ऑन लाइन प्रवेश प्रक्रिया।
छात्र संघ चुनाव पहली बार।
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(एस.पी. मित्तल) (18-07-2016)
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