पीएचईडी के एडीशनल चीफ इंजीनियर सुबोध जैन को 5 लाख रुपए की रिश्वत लेते पकड़ा। सरकारी संरक्षण के बिना ली जा सकती है रिश्वत?
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19 जुलाई को एसीबी की टीम ने जयपुर के पीएचईडी के एडीशनल चीफ इंजीनियर सुबोध जैन को 5 लाख रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। जैन उस विभाग के इंजीनियर हैं जिसकी मंत्री किरण माहेश्वरी है। जब भी कोई भ्रष्ट अफसर या इंजीनियर रिश्वत लेते पकड़ा जाता है तब राजनीतिक संरक्षण की बात ही सामने आती है। एसीबी अपने स्तर पर भ्रष्टाचार की तो जांच करेगी ही, लेकिन अब यह भी उजागर होना चाहिए कि जैन की नियुक्ति के लिए किस नेता, विधायक, सांसद अथवा मंत्री ने सिफारिश की थी। कोई माने नहीं, लेकिन 5-5 लाख रुपए की रिश्वत को एक इंजीनियर हजम नहीं कर सकता है। 5 लाख रुपए की राशि उपर तक किन लोगों को बटती थी इसकी भी जांच होनी चाहिए।
अनोखा है रिश्वत कांड :
सुबोध जैन के रिश्वत कांड में कोई शिकायतकर्ता नहीं है। एसीबी के एएसपी नरोत्तम लाल वर्मा के अनुसार गुडग़ांव की एक फर्म के प्रस्तावित प्रोजेक्ट को सरलता के साथ स्वीकृत करने के लिए ही जैन को एडवांस में रिश्वत दी गई थी। एसीबी ने अपने सोर्स से जानकारी एकत्रित कर जैन और फर्म के अधिकारियों को रंगे हाथों पकड़ा है। स्वाभाविक है कि अब छानबीन में जैन के पास से करोड़ों रुपए की सम्पत्ति मिलेगी। घर से जो 9 लाख रुपए नकद मिले हैं, उसके बारे में जैन का कहना है कि उन्हें इस राशि की जानकारी नहीं है, इसलिए एसीबी का मानना है कि ये 9 लाख की रिश्वत के ही हैं। जैन के बैंक लॉकर भी सोना-चांदी और रुपए उगलेंगे।
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(एस.पी. मित्तल) (19-07-2016)
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