पैगम्बर मोहम्मद साहब भी गौमांस सेवन के विरोधी थे। शरातीतत्व देश का माहौल खराब कर रहे हैं। दरगाह दीवान आबेदीन ने फिर दिया राष्ट्रहित में बयान।

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देश के कुछ न्यूज चैनल और शरारतीतत्व जब गौमांस को लेकर देश का माहौल बिगाडऩे की कोशिश कर रहे हैं, तब एक बार फिर अजमेर स्थित सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह के दीवान और मुस्लिम धर्मगुरु सैय्यद जैनुल आबेदीन अली खान ने राष्ट्रहित में एक बयान जारी किया है। 28 जुलाई को जारी बयान में दीवान आबेदीन ने कहा कि पैगम्बर मोहम्मद साहब ने अपने उपदेशों में गौ मांस के सेवन का सख्ती से मना किया था। उन्होंने गाय के दूध को इंसान के लिए उपयोगी बताया। पैगम्बर साहब के उपदेशाों का अनुसरण करते हुए ही चिश्तियां, सूफिया और धर्मगुरुओं द्वारा गौ मांस के सेवन का इतिहास में कोई प्रमाण नहीं मिलता है। अनेक मुस्लिम शासकों ने गौ हत्या पर रोक लगाई है। दीवान आबेदीन ने आरोप लगाया कि देश के विभाजन के समय मुस्लिम लीग ने साम्प्रदायिक दंगा करवाने के लिए मंदिरों में गौ मांस फिंकवाया था। आज कुछ लोग मुस्लिम लीग की विचारधारा के अनुरूप ही गौ हत्या और गौ मांस को लेकर साम्प्रदायिक माहौल बिगाडऩा चाहते हैं। उन्होंने कहा कि यदि धर्म निरपेक्ष देश में हिन्दू मुसलमान से और मुसलमान हिन्दू से डरेगा तो फिर हालात बिगड़ेंगे। उन्होंने कहा कि यदि गौ मांस के मुद्दे पर हालातों को नियंत्रित नहीं किया गया तो देश में सिविल वार की आशंका है। उन्होंने कहा कि देश का कानून किसी भी व्यक्ति को यह इजाजत नहीं देता कि वह कानून हाथ में लेकर अपराधियों को सजा दे। वहीं इस्लाम किसी भी धर्म की आस्था को ठेस पहुंचाने का संदेश नहीं देता है। इसलिए जो लोग गौ मांस सेवन के पक्षधर हैं, उन्हें भी दूसरे धर्म के लोगों की भावनाओं का सम्मान करना चाहिए।

(एस.पी. मित्तल) (28-07-2016)
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