रामचन्द्र चौधरी ने अजमेर डेयरी के अध्यक्ष के पद पर 25 बरस पूरे किए। राजस्थान में नहीं है ऐसा कोई राजनेता।

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कोई 50 हजार सदस्यों वाली अजमेर दुग्ध डेयरी के अध्यक्ष के पद पर रामचन्द्र चौधरी ने 25 बरस पूरे कर लिए हैं। राजस्थान में शायद ही ऐसा कोई राजनेता होगा, जो लगातार पांच बार चुनाव प्रक्रिया से अध्यक्ष बना हो। राज भाजपा का हो या कांग्रेस का। देानों ही शासन मे ंचौधरी का अध्यक्ष पद बरकरार रहा। चौधरी पहली बार 1990 में अजमेर डेयरी के अध्यक्ष बने थे। इसके बाद अध्यक्ष की कुर्सी को चौधरी ने आज तक भी नहीं छोड़ा है और अब तो चौधरी इतनी मजबूत स्थिति में खड़े हैं कि अगले कई चुनावों में चुनौती देने वाला कोई नहीं है। ऐसा नहीं कि चौधरी अपने दबंग तौर तरीकों से ही अध्यक्ष बन जाते हैं, चौधरी ने अजमेर डेयरी को आज सम्पूर्ण देश में सबसे सफल और पहले नम्बर की डेयरी बना दिया है। अजमेर डेयरी गोल्ड चैन युक्त वाली देश की एक मात्र डेयरी है। इतना ही नहीं दुग्ध उत्पादकों को भी देश भर में सबसे अधिक खरीद मूल्य दिया जाता है। चौधरी की कार्यकुशलता की वजह से ही डेयरी पिछले कई वर्षों से लाभ में चल रही है। स्वभाविक है कि प्लांट पर संसाधन भी बढ़ाएं गए हैं। डेयरी की सफलता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि एक दिन में अधिकतम 4 लाख 85 हजार लीटर दूध का संग्रहण किया तो 2 लाख 41 हजार लीटर दूध की बिक्री भी की। दिल्ली में मदर डेयरी को दूध भी अजमेर डेयरी सप्लाई करती है। सरकार की ऐसी कोई योजना नहीं बची, जिसका लाभ चौधरी ने अजमेर जिले के पुश पालकों को न दिलाया हो। कोई 7 सौ दुग्ध उत्पादक सहकारी समितियों के माध्यम से करीब 50 हजार पशुपालक डेयरी से सीधे तौर पर जुड़े हुए हैं। चौधरी एक-एक सदस्य के परिवार के बारे में जानते हैं। यानि 50 हजार ग्रामीण पृष्ठ भूमि के परिवारों में चौधरी का सीधा दखल है। जिले भर में करीब 1500 डेयरी बूथ हैं। जिनके माध्यम से दूध की बिक्री होती है। भले ही डेयरी के संचालक मंडल के सदस्यों का चयन निर्वाचन पद्धति से होता हो, लेकिन सभी 12 सदस्य वो ही चुने जाते हैं, जिनके सिर पर रामचन्द्र चौधरी का हाथ होता है। चुनावी राजनीति में ऐसा बहुत कम होता है, जब किसी नेता को चुनौती देने वाला न हो। जब कांग्रेस का शासन होता है तो कांग्रेसियों और जब भाजपा का शासन होता है, तब भाजपाइयों को भी पता है कि डेयरी चुनाव में कोई चुनौती नहीं दी जा सकती है, हालांकि चौधरी कांग्रेस से ताल्लुक रखते हैं। लम्बे समय तक देहात कांग्रेस के अध्यक्ष भी रहे हैं। लेकिन अपने अक्खड़ स्वभाव के कारण चौधरी ने कांग्रेस में भी बगावत का बिगुल बजाया। गत विधानसभा के चुनावों में खुलकर भाजपा का साथ दिया। वसुंधरा राजे की उपस्थिति में घोषणा की अजमेर जिले की आठों सीटों पर भाजपा उम्मीदवार को जितवाया जाएगा। परिणाम आने पर आठों उम्मीदवार विजयी हुए। आज मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे भी मानती है कि अजमेर जिले में रामचन्द्र चौधरी जैसा कोई राजनेता नहीं है।
(एस.पी. मित्तल) (13-08-2016)
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