गिरिराज पर्वत की परिक्रमा के लिए अजमेर में मची होड़। 26 अगस्त तक विराजमान हैं भगवान।

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23 अगस्त की शाम को अजमेर के मेयर धर्मेन्द्र गहलोत और चित्ती संस्थान की अध्यात्मिक गुरु अनादी सरस्वती के साथ मुझे भी अजमेर के आना सागर लिंक रोड स्थित सार्वजनिक उद्यान में विराजमान गिरिराज पर्वत की परिक्रमा और आरती करने का अवसर मिला। जिस प्रकार मथुरा-वृंदावन में गिरिराज भगवान की आरती होती है उसी तर्ज पर आरती का आयोजन किया गया। अजमेर के इतिहास में यह पहला अवसर है, जब गिरिराज पर्वत को अजमेर में विराजमान करवाया गया है। जो लोग किसी कारण से मथुरा-वृंदावन में गिरिराज पर्वत की 21 कोसी परिक्रमा नहीं कर सके, उन्होंने यहां विराजमान पर्वत की परिक्रमा कर पुण्य कमाया। श्री श्याम सेवक कल्याण संघ के प्रमुख राकेश डीडवानिया ने बताया कि मथुरा वृंदावन के पंडितों और जानकारों की सलाह से ही गिरिराज भगवान के अंश को अजमेर लाया गया है ताकि पर्वत का धार्मिक महत्त्व बना रहे, जिस श्रद्धा भाव से अंश को लाया गया है उसी भाव से अंश को वापस मथुरा वृंदावन ले जाए जाएगा। चूंकि ऐसा धार्मिक आयोजन पहली बार हुआ है, इसलिए अजमेर के श्रद्धालुओं में परिक्रमा की होड़ मची हुई है। इस परिसर में भगवान के विभिन्न स्वरूपों के मंदिर भी बनाए गए हैं। मुखारविंद पर दुग्धाभिषेक के भी विशेष इंतजाम किए गए हैं। 20 अगस्त से शुरू हुआ यह धार्मिक आयोजन 26 अगस्त को धूमधाम से सम्पन्न होगा। आयोजन को सफल बनाने के लिए ओम प्रकाश सोमानी, रविन्द्र वैष्णव, किशन गुप्ता, सूरजमल गोयल, श्यामबिहारी शर्मा, मुकेश डीडवानिया, गोपाल चन्द्र गोयल आदि की भी सक्रिय भूमिका है।

(एस.पी. मित्तल) (24-08-2016)
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