ब्यावर में कार्यकर्ताओं के साथ रहे भाजपा के देहात जिलाध्यक्ष प्रो. सारस्वत। विधायक और सभापति को झटका। तेजा मेले में परोसी अश्लीलता।
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ब्यावर में कार्यकर्ताओं के साथ रहे भाजपा के देहात जिलाध्यक्ष प्रो. सारस्वत।
विधायक और सभापति को झटका। तेजा मेले में परोसी अश्लीलता।
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राजस्थान की औद्योगिक नगरी ब्यावर में सत्तारुढ़ भाजपा की राजनीति में उस समय नया मोड़ आ गया, जब भाजपा के देहात जिलाध्यक्ष प्रो.बी.पी.सारस्वत निष्ठावान और ईमानदार कार्यकर्ताओं के साथ खड़े नजर आए। हुआ यंू कि तीन दिवसीय तेजा मेले के दूसरे 12 सितम्बर को आयोजित समारोह का मुख्य अतिथि प्रो. सारस्वत को बनाया गया था। ब्यावर के तेजा मेले की धूम प्रदेश भर में रहती है। सारस्वत को आमंत्रित करने के लिए क्षेत्र के भाजपा विधायक शंकर सिंह रावत और नगर परिषद की सभापति श्रीमती बबीता चौहान ने भरसक प्रयास किए, लेकिन सारस्वत ने अपनी उपस्थिति से इंकार कर दिया। बताया जा रहा है कि विधायक और सभापति ने मनमर्जी करते हुए संगठन के निष्ठावान और ईमानदार कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों की मेले के आयोजन में उपेक्षा की। ब्यावर मंडल के विभिन्न मोर्चो के अध्यक्षों और उपाध्यक्षों तक के नाम निमंत्रण पत्रों में नहीं छापे गए। असल में विधायक और सभापति का गुट जिलाध्यक्ष सारस्वत को बुलाकर ब्यावर के निष्ठावान पदाधिकारियों को अपमानित करना चाहता था, लेकिन सारस्वत ने यह दर्शा दिया कि वे विधायक और सभापति से पहले संगठन के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं का सम्मान करते हैं। यदि किसी समारोह में कार्यकर्ता को ही सम्मान नहीं मिल रहा है तो फिर वे अपना सम्मान कैसे करवा सकते हैं? ब्यावर के तेजा मेले में अपनी अनुपस्थिति के संबंध में प्रो. सारस्वत ने कुछ नहीं कहा, लेकिन केकड़ी में हुए तेजा मेले के आयोजन की भरपुर प्रशंसा की। प्रो. सारस्वत का कहना रहा कि केकड़ी नगर पालिका के अध्यक्ष अनिल मित्तल और क्षेत्रीय विधायक शत्रुघ्न गौतम ने संगठन के सभी पदाधिकारियों का सम्मान किया। इसलिए वे स्वयं भी केकड़ी के समारोह में शामिल हुए। प्रो. सारस्वत के ब्यावर के कार्यक्रम में शामिल नहीं होने से विधायक और सभापति के गुट को झटका लगा है।
परोसी अश्लीलता:
ब्यावर नगर परिषद की सभापति की कुर्सी पर इस समय श्रीमती बबीता चौहान विराजमान हैं, लेकिन 12 सितम्बर के सांस्कृतिक समारोह में जिस तरह अश्लीलता दिखाई गई,उसे नगर परिषद की प्रतिष्ठा के अनुरूप नहीं माना जा सकता। यह माना कि राजस्थान की लोक संस्कृति में भड़कीले डांस आदि होते रहते हैं, लेकिन जब ऐसे आयोजन कोई सरकारी संस्था करवाए तो फिर मर्यादाओं का ध्यान रखा ही जाना चाहिए और फिर जब नगर परिषद पर महिला सभापति हो तो जिम्ममेदारी भी बढ़ जाती है। गंभीर बात तो यह रही कि नगर परिषद के उपसभापति सुनील मूदंड़ा, कांग्रेस पार्षद दल के नेता रहे विजेन्द्र प्रजापति पार्षद नरेश कनौजिया आदि ने किन्नरों के साथ जमकर ठुमके लगाए।
(एस.पी. मित्तल) (13-09-2016)
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