गिरगिट की तरह रंग बदला पाकिस्तान के राजदूत अब्दुल बासित ने। पाक नहीं चाहता भारत से जंग।
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गिरगिट की तरह रंग बदला पाकिस्तान के राजदूत अब्दुल बासित ने।
पाक नहीं चाहता भारत से जंग।
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सब जानते हैं कि भारत में रह रहे पाकिस्तान के राजदूत अब्दुल बासित कश्मीर के अलगाववादियों के हमदर्द रहे हैं। बासित की वजह से ही नई दिल्ली स्थित पाक दूतावास अलगाववादियों का बसेरा बना हुआ है। मौके बे मौके पर पाक दूतावास में अलगाववादियों की दावत और इस्तकबाल होते रहे हैं। हमारे ही देश में बैठ कर बासित ने देश को तोडऩे वालों का साथ दिया। लेकिन 25 सितम्बर को गिरगिट की तरह रंग बदलते हुए बासित ने कहा कि पाकिस्तान कभी भी भारत से जंग नहीं चाहता है। इतना ही नहीं बासित ने माना कि पाकिस्तान के बालूचिस्तान में नागरिकों को परेशानी है। बासित के रंग बदलने पर जब मीडिया ने सवाल किया तो बासित ने कहा कि यह सब हालातों पर निर्भर करता है। यानि अब पाकिस्तान भी समझ रहा है कि कश्मीर के अलगाववादियों का समर्थन करने से हालात बिगड़ेंगे। असल में पाक आतंकियों के उरी में हमले के बाद पाकिस्तान को चारों तरफ से जो घेराबंदी हुई है, उसी का परिणाम है कि बासित को रंग बदलने के लिए मजबूर होना पड़ा है।
पीएम ने दिए संकेत:
25 सितम्बर को रेडियो पर मन की बात और 24 सितम्बर को केरल में पीएम मोदी ने इस बात के संकेत दे दिए हैं कि अब कश्मीर में आतंकियों और अलगाववादियों के साथ सख्ती से निपटा जाएगा। भारतीय सेना और सुरक्षा बलों की प्रशंसा करते हुए मोदी ने कहा है कि देश के दुश्मनों को मौत के घाट उतारने का पराक्रम हमारे जवानों के पास है। देश के नागरिकों की रक्षा कैसे हो। इस बात को सीमा पर तैनात हमारे जवान अच्छी तरह समझता है।
अलगाववादियों के खिलाफ भी हो कार्यवाही:
इसमें कोई दोराय नहीं कि उरी की घटना के बाद पाकिस्तान को घेरने की प्रभावी कार्यवाही की गई है। लेकिन इसके साथ ही कश्मीर के अलगाववादियों के खिलाफ भी सख्त कार्यवाही होनी चाहिए। असल में अलगाववादियों की मदद से ही पाकिस्तान कश्मीर में हमले करवाता है। यदि अलगाववादियों के खिलाफ ही सख्त कार्यवाही हो जाए तो फिर पाकिस्तान भी भाड़े के आतंकियों को कश्मीर में नहीं भेज पाएगा।
(एस.पी. मित्तल) (24-09-2016)
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