पाकिस्तानी कलाकारों के हिमायती सलमान खान शहीद राजकिशोर के परिवार की शहादत से कुछ सीखें।
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1 अक्टूबर को बिहार के आरा में गंगा के किनारे शहीद सैनिक राजकिशोर का अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ कर दिया गया। जिन लोगों ने चैनलों पर अंतिम संस्कार और शहीद के परिवार के घर के दृश्य देखें, उनकी आंखों में आंसू आ ही गए। जब 12 वर्षीय बेटी बुरी तरह रो रही थी, तब शहीद की पत्नि बेसुध पड़ी थी, लेकिन इसके बावजूद भी 10 वर्षीय बेटे ने हिम्मत दिखाते हुए पिता के शव को अग्नि दी। सिर मुंडा हुआ, गले में जनेऊ और कमर में धोती बांधे जब इस बालक ने अपनी मुठ्ठी से मिट्टी गिराई तो शायद ही कोई अपने आंसू रोक पाया हो। राजकिशोर इस परिवर के पहले शहीद नहीं है, इससे पहले उनके पिता, चाचा और बड़े भाई भी आतंकियो से मुकाबला करते हुए शहीद हो गए। राजकिशोर की ख्वाहिश थी कि वे अपने बेटे को भी सेना की वर्दी में देंखे। इससे ज्यादा देशभक्ति की बात और क्या हो सकती है। जब इतनी शहादत के बाद भी मां ने कहा कि अब मैं अपने तीसरे बेटे को भी सेना में भेजकर पाकिस्तान में बैठे आतंकवादियों से बदला लूंगी।
हालांकि शहीद राजकिशोर के परिवार की शहादत के सामने फिल्म अभिनेता सलमान खान की कोई बिसात नहीं है, लेकिन सलमान खान लगातार आतंकी देश पाकिस्तान के कलाकारों का हमारे फिल्म उद्योग में काम करने का समर्थन कर रहे हैं, इसलिए न चाहते हुए भी मैं शहीद राजकिशोर के परिवार की शहादत से सलमान खान को कुछ सीख लेने की बात कह रहा हूं। मुझे पता है कि इससे सलमान के हिमायती मुझसे और चिढ़ेंगे। इसे देश का दुर्भाग्य ही कहा जाएगा कि पाक कलाकारों के मुद्दे पर अनेक लोग सलमान खान के साथ खड़े हैं। विडम्बना देखिए कि एक मां अपने परिवार के पांचवें सदस्य को भी आतंकियों से बदला लेने के लिए पाकिस्तान भेजने को तैयार है तो दूसरी ओर सलमान खान और उनके हिमायती यह चाहते हैं कि पाकिस्तान के कलाकार मुंबई में आकर लाखों-करोड़ों रुपए कमाते रहे। जब पूरे देश में पाकिस्तान के खिलाफ गुस्सा है तो फिर सलमान खान वहां के कलाकारों की हिमायत क्यों कर रहे हैं? जिस शहीद राजकिशोर का आज अंतिम संस्कार हुआ, वह भी उड़ी के आतंकी हमले में जख्मी हुआ था। बारह दिनों तक मौत से लडऩे के बाद राजकिशोर ने वीरगति प्राप्त की।
(एस.पी. मित्तल) (1-10-2016)
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