मंत्री की सूची लीक होने के बाद राजस्व मंडल ने बैकडेट में जारी की 134 तहसीलदारों की तबादला सूची। सरकार की हुई जग हंसाई।

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12 अक्टूबर को राजस्थान में तहसीलदारों के तबादलों को लेकर वसुंधरा राजे की सरकार की जोरदार जग हंसाई हुई। हुआ यूं कि प्रदेश के राजस्व मंत्री अमराराम चौधरी के नाम से 120 तहसीलदारों की कथित तबादला सूची सोशल मीडिया पर वायरल हो गई। इसकी खबर भी ई टीवी के अजमेर स्थित संवाददाता अभिजीत दवे ने ब्रेक भी की। इससे राजस्व महकमे में हडकंप मच गया। ई टीवी की खबर और सोशल मीडिया का ही दबाव रहा कि राजस्व मंडल प्रशासन को आनन-फानन में 134 तहसीलदारों की तबादला सूची विधिवत तौर पर जारी करनी पड़ी। हालांकि यह सूची 10 अक्टूबर की डेट में जारी की गई ताकि तहसीलदारों के तबादले में होने वाले कारोबार की बात को छिपाया जा सके। राजस्व मंडल के प्रशासन के पास इस बात का कोई जवाब नहीं कि जब 10 अक्टूबर को सूची जारी कर दी गई थी तो फिर 12 अक्टूबर को उजागर क्यों की? यदि तहसीलदारों के तबादले में ईमानदारी और पारदर्शिता होती तो 10 अक्टूबर को ही सूची राजस्व मंडल की वेबसाईट पर अपलोड हो जानी चाहिए थी, लेकिन 12 अक्टूबर को सुबह से ही राजस्व मंत्री वाली सूची वायरल हो गई तो सायं 4 बजे राजस्व मंडल की कार्यवाहक रजिस्ट्रार सीमा शर्मा के हस्ताक्षर वाली सूची वेबसाईट पर अपलोड की गई। इस सूची में अधिकांश वो ही नाम हैं, जो मंत्री की कथित सूची में थे। राजस्व मंडल प्रशासन ने 12 अक्टूबर को सायं 4 बजे 10 अक्टूबर वाली तबादला सूची उजागर की है। इससे वसुंधरा राजे की सरकार की जग हंसाई हुई है। मेरी वेबसाईट और फेस बुक पेज पर दोनों सूचियां देखी जा सकती है।
ऐसे मचा हडकंप
12 अक्टूबर को राजस्थान भर के तहसीलदारों में उस समय हडकंप मच गया, जब प्रदेश के राजस्व मंत्री अमरा राम चौधरी के नाम से 120 तहसीलदारों की कथित तबादला सूची सोशल मीडिया पर वायरल हो गई। एक बार तो यह सूची असली और सरकारी ही नजर आती है। सूची उसी प्रकार से तैयार है, जिस प्रकार राजस्व विभाग, राजस्व मंडल को भेजता है, लेकिन इस सूची पर शक इसलिए होता है कि इस पर राजस्व मंत्री अमरा राम अथवा राजस्व विभाग के शासन सचिव के हस्ताक्षर नहीं है। जानकारों की माने तो तहसीलदारों के तबादलों में बड़ा कारोबार होता है, ऐसे में राजस्व विभाग में तबादला सूची बनती और बिगड़ती रहती है। ताजा तबादला सूची राजस्व विभाग में लीक हो गई। कारोबार में लगे किसी कार्मिक ने ही सरकार की जग हंसाई करवाने के लिए सूची को सोशल मीडिया पर वायरल करवा दिया।
राजस्थान में तहसीलदारों के तबादले की जो प्रक्रिया निर्धारित है, उसमें राजस्व मंडल ही तबादला सूची जारी करता है। नियम कुछ भी हो, लेकिन सच्चाई यह है कि तबादला सूची जयपुर में राजस्व विभाग में तैयार होती है और फिर अजमेर स्थित राजस्व मंडल के रजिस्ट्रार के हस्ताक्षर से सूची को विधिवत तौर पर जारी किया जाता है। इसमें मंडल के अध्यक्ष की भी महत्वपूर्ण भूमिका होती है। कई बार अधिकारों को लेकर राजस्व मंत्री और मंडल अध्यक्ष आमने-सामने हो जाते हैं। माना जा रहा है कि इन दिनों भी मंडल अध्यक्ष अशोक शेखर ओर राजस्व मंत्री अमरा राम चौधरी के बीच मधुर संबंध नहीं है।
मंडल में पोपाबाई का राज
राजस्व मंडल के अध्यक्ष अशोक शेखर को तहसीलदारों के तबादले में भले ही मंत्री का दखल पसन्द न हो, लेकिन उनके अपने मंडल में इस समय पोपाबाई का राज है। मंडल में नियुक्त आईएएस और आरएएस सदस्य अपनी मनमर्जी से न्यायिक कार्य करते हैं। अध्यक्ष शेखर की रूचि अजमेर मुख्यालय पर रहने के बजाए जयपुर रहती है। चूंकि जयपुर में भी मंडल की पीठ लगती है, इसलिए अशोक शेखर जयपुर से ही मुख्यालय को संचालित करते हैं। यही वजह है कि सदस्यों की खासकर आरएएस सदस्यों की मौज हो रही है। अध्यक्ष की अरूचि के चलते राज्य सरकार भी मंडल की प्रशासनिक व्यवस्था की ओर कोई ध्यान नहीं दे रही है। मिर्जा बेग की सेवानिवृत्ति के बाद से ही रजिस्ट्रार का पद रिक्त पड़ा है। यह पद आईएएस स्तर का है, लेकिन आरएएस की कनिष्ठ अधिकारी सीमा शर्मा को कार्यवाहक रजिस्ट्रार बना रखा है। श्रीमती शर्मा मंडल में डिप्टी रजिस्ट्रार के पद पर नियुक्त है। यानि मंडल में अध्यक्ष बैठते नहीं है और रजिस्ट्रार का पद खाली पड़ा है।
(एस.पी. मित्तल) (12-10-2016)
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