प्रधानमंत्री के निर्वाचन क्षेत्र बनारस में 19 लोगों की मौत का जिम्मेदार कौन? क्या झगड़े में उलझी यूपी सरकार की लापरवाही है?
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15 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के निर्वाचन क्षेत्र बनारस में एक धार्मिक आयोजन के दौरान भगदड़ मच जाने से 19 लोगों की मौत दम घुटने या पैरों के नीचे कुचल जाने की वजह से हो गई। 50 से भी ज्यादा जख्मी लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। बनारस में बाबा जय गुरूदेव की जयंती के समारोह में भाग लेने के लिए ही लाखों लोग एकत्रित हुए थे। बनारस की यह घटना इसलिए भी महत्वपूर्ण है कि यहां से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी लोकसभा के सांसद है। इसलिए मोदी ने ब्रिक्स सम्मेलन की व्यस्तता के दौरान ही बनारस के अधिकारियों से संवाद कर घटना की जानकारी ली। देश के संघीय व्यवस्था के अंतर्गत कानून व्यवस्था का जिम्मा राज्य सरकार का होता है। यूपी में इस समय समाजवादी पार्टी की सरकार है। अगले वर्ष शुरू में ही यूपी में विधानसभा के चुनाव होने हैं और चुनाव से पहले सीएम अखिलेश यादव के परिवार में घमासान मचा हुआ है। पिता मुलायम सिंह ने साफ कर दिया है कि यदि सपा को बहुमत मिलता है तो निर्वाचित विधायक सीएम का फैसला करेंगे, जबकि सीएम अखिलेश अपने ही बूते पर चुनाव प्रचार में जुट गए हैं। यानि इस समय प्रशासनिक व्यवस्था पर सरकार का कोई नियंत्रण नहीं है। ऐसे में बनारस में भी जिला प्रशासन गंभीरता नहीं दिखा रहा। 14 अक्टूबर की घटना के बाद प्रशासन का यह कहना रहा कि जयंती के आयोजकों ने 3 हजार लोगों के आने की बात कही थी, लेकिन 2 लाख से ज्यादा लोग आ गए। यानि प्रशासन को लोगों के आने का पता ही नहीं चला। बनारस का प्रशासन तो 3 हजार लोगों के इंतजाम में ही जुटा हुआ है। यदि इस समय अखिलेश सरकार का कोई नियंत्रण होता तो बनारस का प्रशासन भी गंभीरता दिखाता। प्रधानमंत्री के निर्वाचन क्षेत्र के प्रशासन का जब इतना बुरा हाल है तो फिर यूपी के अन्य जिलों के हालातों का अंदाजा लगाया जा सकता है।
(एस.पी. मित्तल) (15-10-2016)
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