क्या अलगाववादी शहीद गुरसेवक की मंगेतर रजनीत कौर का दर्द समझेंगे? तीन माह बाद होने वाली थी शादी।

#1931
img_6544 img_6545
=======================
7 नवम्बर को पंजाब के तरनतारण के गांव में शहीद गुरसेवक सिंह का अंतिम संस्कार बहुत दुखी मन से किया गया। गुरसेवक जब कश्मीर के पुंछ में कृष्णा घाटी में तैनात होकर पाकिस्तान की गोलाबारी का मुकाबला कर रहा था कि तभी दुश्मन की गोली लगने से वह शहीद हो गया। यूं तो किसी भी जवान का शहीद होना परिजनों के लिए पीड़ादायक होता है, लेकिन गुरसेवक की शहादत में उसकी मंगेतर रजनीत कौर की पीड़ा भी जुड़ी हुई है। आगामी 12 जनवरी को दोनों का विवाह होने वाला था। सगाई के बाद गुरसेवक ने अपनी मंगेतर को तोहफे भी दिए। रजनीत कौर के सामने अब यह सवाल है कि इन तोहफों का वह क्या करें? कश्मीर के जो अलगाववादी पाकिस्तान की हिमायत करते हैं, उन्हें रजनीत कौर के सवालों का जवाब देना चाहिए। 7 नवम्बर को जब गुरसेवक के शव को अग्नि को समर्पित किया गया, तब गांव में रजनीत कौर भी उपस्थित थी। अंदाजा लगाया जा सकता है कि रजनीत कौर के दिल पर क्या बीत रही होगी? कई बार प्रगतिशील माने जाने वाले बुद्धिजीवी और अनेक पुरस्कारों से नवाजे गए लोग अलगाववादियों की हिमायत में खड़े हो जाते हैं। ऐसे लोग भी यह बताएं कि रजनीत कौर अब क्या करें? जिस लड़की का विवाह तीन माह बाद होने वाला हो और तब अचानक यह खबर आए कि उसका मंगेतर अब इस दुनिया में नहीं रहा। जिस तरह से पाकिस्तान की सीमा पर लगातार गोलाबारी हो रही है उस पर अब विराम लगना चाहिए। इसके लिए कश्मीर में बैठे अलगाववादियों को ही पहल करनी चाहिए।
(एस.पी.मित्तल) (07-11-16)
नोट: फोटोज यहां देखें। वेबसाइट www.spmittal.in
https://play.google.com/store/apps/details? id=com.spmittal
www.facebook.com/SPMittalblog
Blog:- spmittalblogspot.in
M-09829071511 (सिर्फ संवाद के लिए)
================================
M: 07976-58-5247, 09462-20-0121 (सिर्फ वाट्सअप के लिए)

Print Friendly, PDF & Email

You may also like...