तो पाठकों के सामने प्रस्तुत है 2000वां ब्लॉग। आसान नहीं रहा इस आंकड़े तक पहुंचना।

#2000
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25 नवम्बर को सोशल मीडिया के पाठकों के सामने मेरा 2000वां ब्लॉग प्रस्तुत है। अंक गणित के हिसाब से 2000 का नम्बर कोई बड़ा नहीं होता, लेकिन मुझे इस छोटे नम्बर तक पहुंचने में कड़ा संघर्ष करना पड़ा है। सोशल मीडिया की तकनीक तो कई बार बाधा बनी ही, साथ ही प्रतिदिन लिखने का मानसिक तनाव भी रहा। मैंने सोशल मीडिया के माध्यम से इस बात का प्रयास किया कि पाठक प्रतिदिन मेरे लिखे को पढ़ें। मुझे आज यह कहते हुए खुशी और गर्व का अनुभव हो रहा है कि देशभर के कोई 2000 वाट्सएप ग्रुप से मैं जुड़ा हंू। आप कल्पना कर सकते हैं कि इन ग्रुप में रोजाना 3 से 5 ब्लॉग पोस्ट करने में कितना श्रम और समय लगता होगा। इतने ग्रुप में ब्लॉग पोस्ट करने के लिए मुझे 4 नई तकनीक के मोबाइल फोनों का उपयोग करना पड़ता है। ब्लॉग पोस्ट करने में मेरी पत्नी श्रीमती अचला मित्तल का पूरा सहयोग मिलता है। यदि पत्नी का सहयोग न मिले तो मेरे ब्लॉग लाखों पाठकों तक नहीं पहुंच पाए। जिस प्रकार मुझे रोजाना ब्लॉग लिखने की चिंता होती है, उसी प्रकार मेरी पत्नी भी ब्लॉग पोस्ट करने के लिए चिंतित रहती हैं। लेकिन हम दोनों को तब सुकून मिलता है, जब ब्लॉग पर देशभर से प्रतिक्रियाएं प्राप्त होती हैं। वाट्सएप ग्रुप के अलावा वेबसाइट, फेसबुक अकॉउंट, फेसबुक पेज, ब्लॉग, एप आदि के माध्यम से भी मेरे ब्लॉगों को पढ़ा जा रहा है। यदि किसी दिन ब्लॉग पोस्ट करने में चूक हो जाए तो पाठकों के फोन आना शुरू हो जाते हैं।
मैं गत 35 वर्षों से पत्रकारिता में सक्रिय हंू। मैंने देश के प्रमुख दैनिक समाचार पत्रों में काम भी किया है। पूरे उत्तर भारत में पहली बार अजमेर में केवल नेट वर्क पर न्यूज चैनल चलाने का प्रयोग भी मैंने किया। लेकिन जो पहचान मुझे सोशल मीडिया ने दिलाई उसका कोई मुकाबला नहीं है। मैं उन सभी पाठकों का आभारी हंू, जो मुझे रोजाना पढ़ते हैं। अनेक लोग मेरी हौंसला अफजाई भी करते हैं। हो सकता है कि कुछ लोग मेरे लिखे से सहमत न होते हों, लेकिन मैं यह बात दावे से कह सकता हंू कि मेरे मन में किसी के भी प्रति दुर्भावना नहीं होती। हो सकता है कि त्रुटि पूर्ण जानकारी की वजह से कभी कोई ब्लॉग गलत लिख दिया गया हो, जब कभी मेरी गलती साबित हुई है तो मैंने माफी का ब्लॉग भी लिखा है। मेरी अपनी कोई राजनीतिक विचार धारा नहीं है। कुछ पाठक अपनी प्रतिक्रियाओं में मुझे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का समर्थक बताते हैं। हो सकता है कि मोदी के अच्छे कामों का मैंने समर्थन किया हो। लेकिन मैं केन्द्र सरकार की नीतियों की आलोचना करने में भी कभी पीछे नहीं रहा हंू। 24 नवम्बर के ब्लॉग में ही मैंने पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के बयान की प्रशंसा की है। मेरी ईश्वर से प्रार्थना है कि मुझे निष्पक्षता और ईमानदारी के साथ नियमित लिखने की क्षमता प्रदान करता रहे। इसी के साथ मुझे पाठकों का स्नेह और दुलार भी मिलता रहना चाहिए।
(एस.पी.मित्तल) (25-11-16)
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