आदर्श क्रेडिट कॉ-ऑपरेटिव सोसायटी की साख को प्रभावित करने का मकसद नहीं।
#2001
आदर्श क्रेडिट कॉ-ऑपरेटिव सोसायटी की साख को प्रभावित करने का मकसद नहीं।
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सहकारिता के क्षेत्र में चलने वाली आदर्श क्रेडिट कॉ-ऑपरेटिव सोसायटी जैसी संस्थाओं को लेकर मैंने गत 18 नवंबर को एक ब्लॉग लिखा था। इस ब्लॉग में यह बताया गया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की नोटबंदी की घोषणा के बाद राष्ट्रीयकृत बैंकों और सहकारिता के क्षेत्र में चलने वाली आदर्श कॉ-ऑपरेटिव सोसायटी जैसी संस्थाओं के सदस्यों के बीच क्या फर्क है। ब्लॉग में यह भी लिखा है कि बैंकों में पुराने नोट के बदले नए नोट मिल रहे हैं, लेकिन आदर्श जैसी संस्थाओं के सदस्यों को ऐसी सुविधा नहीं मिल रही। इससे कॉ-ऑपरेटिव सोसायटियों के सदस्य परेशान हो रहे हैं। पूरे ब्लॉग में यह कहीं नहीं लिखा कि आदर्श क्रेडिट कॉ-ऑपरेटिव सोसायटी ने अपने सदस्यों के साथ कोई गड़बड़ी कर रही है। ब्लॉग लिखने का मकसद कॉ-ऑपरेटिव सोसायटियों के सदस्यों की पीड़ा को उजागर करना था तथा साथ ही सरकार को भी यह बताना था कि क्रेडिट सोसायटियों के सदस्य इस नोटबंदी से कितना परेशान हो रहे हैं। अजमेर अरबन कॉ-ऑपरेटिव बैंक का मामला सिर्फ जागरुकता और उदाहरण के लिए लिखा गया। इतना ही नहीं आदर्श कॉ-ऑपरेटिव बैंक का कोई उल्लेख नहीं किया गया। लेकिन मेरे इस ब्लॉग को आदर्श क्रेडिट कॉ-ऑपरेटिव सोसायटी के प्रबंधन ने अपनी साख को गिराने वाला माना। देश के कई हिस्सों से मुझे कानूनी नोटिस भेजे और अपनी बात को रखा। मैंने 18 नवम्बर के ब्लॉग में भी आदर्श कॉ-ऑपरेटिव सोसायटी के प्रबंधन का पक्ष रखते हुए लिखा था कि जमाकर्ताओं का पैसा सुरक्षित है। मेरे द्वारा आदर्श सोसायटी पर कोई आरोप नहीं लगाए जाने के बावजूद भी आदर्श क्रेडिट कॉ-ऑपरेटिव सोसायटी के प्रबंधन को यह लगता है कि मैंने उनकी साख को गिराया है। मैं पूरी ईमानदारी और निष्ठा के साथ पत्रकारिता करता हंू। ब्लॉग लिखने के पीछे मेरा कोई व्यवसायिक उद्देश्य भी नहीं होता है। मेरी वेबसाइट, फेसबुक अकाउंट, फेसबुक पेज आदि पर किसी भी प्रकार का विज्ञापन भी प्रकाशित नहीं होता। पत्रकारिता के उच्च मापदंडों का पालन करते हुए मैं आदर्श क्रेडिट कॉ-ऑपरेटिव सोसायटी का पक्ष इस ब्लॉग में रख रहा हंू। चूंकि मेरे मन में इस सोसायटी के प्रति कोई दुर्भावना नहीं हैं। इसलिए में यह भी लिख रहा हंू कि यदि 18 नवम्बर के ब्लॉग से यदि सोसायटी की प्रतिष्ठा और साख पर कोई प्रतिकूल असर पड़ा है तो मैं बिना शर्त खेद प्रकट करता हंू। इसके साथ ही सोसायटी से जुड़ा 18 नवम्बर वाला ब्लॉग में अपनी वेबसाइट, गूगल ब्लॉग, फेसबुक आदि से भी डिलीट कर दिया है।
आदर्श क्रेडिट कॉ-ऑपरेटिव सोसायटी का विशेष कथन जो नोटिस में उल्लेखित है:
यह है कि मेरी असील एक सहकारी समिति है, जो मल्टी स्टेट को-ऑपरेटिव सोसाईटीज एक्ट 2002 के तहत पंजीकृत है तथा जो केन्द्रीय रजिस्ट्रार (सहकारिता) भारत सरकार द्वारा निर्धारित नियम व प्रावधानों के अंतर्गत संचालित होती है। मेरी असील समिति का बैंकिंग कार्य से कोई लेना देना नहीं है तथा न ही मेरी असील समिति द्वारा कोई बैंकिंग व्यवसाय किया जाता है। समिति द्वारा अपनी जमा योजनाओं का कोई भी प्रचार-प्रसार नहीं किया जाता न ही किसी भी प्रकार का प्रस्ताव दिया जाता है। समिति के सदस्य समिति के कुशल प्रबंधन, कार्य प्रणाली, लाभ-हानि की स्थिति, लाभांश जैसे विभिन्न महत्त्वपूर्ण पहलुओं को देखते हुए समिति की योजनाओं में निवेश करते हैं। जिसका भुगतान समिति द्वारा परिपक्वता पर अविलम्ब किया जाता रहा है।
यह है कि मेरी असील समिति की किसी भी शाखा में सदस्य खाताधारक द्वारा उसके द्वारा निवेश की गई राशि का नियमानुसार चैक अथवा आरटीजीसी या एनईएफटी के माध्यम से भुगतान प्राप्त किया जा सकता है। जिस पर किसी प्रकार की कोई रोक नहीं है। मेरी असील समिति सहकार क्षेत्र एक प्रतिष्ठित तथा अपनी तुरंत भुगतान सेवा के लिए ख्यातिप्राप्त है, जिसके वर्तमान में 15 लाख से भी अधिक संतुष्ट सदस्य हैं तथा जिसके आधार पर मेरी असील समिति को अपनी उत्कृष्ट सहकार सेवाओं के लिए कई जानी मानी संस्थाओं से विश्वस्तरीय पुरस्कार एवं सम्मान प्राप्त हो चुके हैं। यही नहीं मेरी असील समिति की सेवाएं आईएसओ प्रमाणित है। समिति को सन् 1999 से परिपक्वता पर अविलम्ब भुगतान के लिए ख्याति प्राप्त होने से मेरी असील समिति बिना किसी विवाद के कार्य कर रही है तथा आज दिनांक तक समिति द्वारा किसी भी खाताधारकों परिपक्वता पर भुगतान में किसी भी प्रकार का नियम विरुद्ध विलय नहीं किया गया है।
(एस.पी.मित्तल) (26-11-16)
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