परम्पराओं को बरकरार रखे हुए है बांगड़ परिवार। डीडवाना के राजकीय बांगड़ महाविद्यालय में शानदार और प्रभावी रही राज्यस्तरीय वाद विवाद प्रतियोगिता।

#2069
img_7039 img_7040 img_7041 img_7042 img_7038
=========================
यदि कोई परिवार अथवा संस्था अपने पूर्वजों द्वारा बनाई गई परम्पराओं को बरकरार रखते हैं तो उन पर ईश्वर व बुजुर्गों की कृपा भी बनी रहती है। श्री सीमेन्ट जैसी औद्योगिक और सफल इकाई चलाने वाले सेठ वेणु गोपाल बांगड़ आज भी राजस्थान के डीडवाना शहर में अपने पिता स्वर्गीय नारायणदास बांगड़ की स्मृति में एक राज्यस्तरीय वाद-विवाद प्रतियोगिता प्रतिवर्ष करवा रहे हैं। 20 दिसंबर को आयोजित इस वार्षिक प्रतियोगिता के निर्णायक मंडल में मेरे साथ राजस्थान सरकार के वित्त विभाग के संयुक्त सचिव आशुतोष वाजपेयी और एमडीएस यूनिवर्सिटी के सहायक कुलसचिव डॉ. सूरज राव शामिल थे। मुझे बताया गया कि 1952 में जब नागौर में जिला स्तर पर स्कूल कॉलेज नहीं था, तब सेठ नारायण दास बांगड़ के सहयोग से डीडवाना में स्कूल कॉलेज की स्थापना की गई। यही वजह है कि नागौर के वर्तमान सांसद और केन्द्रीय मंत्री सी.आर. चौधरी भी इस कॉलेज के छात्र रह चुके हैं। इसलिए सरकार ने भी कॉलेज के नाम के साथ बांगड़ परिवार के नाम को शामिल कर रखा है। जिस प्रकार सेठ बेणु गोपाल बांगड़ अपने पिता की स्मृति में इस प्रतियोगिता का करवा रहे हैं, ठीक उसी प्रकार इस कॉलेज के प्राध्यापक डॉ. गजादान चारण इस प्रतियोगिता में चार चांद लगाए हुए हैं। डॉ. चारण के प्रयासों से ही प्रतियोगिता के समारोह में एमडीएस यूनिवॢसटी के कुलपति प्रो. कैलाश सोडानी, माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष डॉ. भरतराम कुम्हार, पूर्व आरएएस भूराराम चौधरी, बांगड़ परिवार के प्रतिनिधि श्रीगोपाल बगडिया जैसे प्रतिष्ठित लोग उपस्थित रहे। इसके साथ ही डॉ. चारण ने कॉलेज के प्राचार्य डॉ. प्रेमचंद, उपाचार्य डॉ. चन्द्रप्रकाश गौड़, डॉ. एन.आर. ढाका, हबीब खान, अनिल कुमार, प्रमोद कुमार मीणा, डॉ. अतुल गर्ग, छात्र संघ अध्यक्ष महेन्द्र जेवरिया आदि को भी जोड़े रखा। इसमें कोई दो राय नहीं कि डॉ. चारण ने प्रतियोगिता का आयोजन बांगड़ परिवार की प्रतिष्ठा के अनुकूल किया। बांगड़ परिवार ने भी डॉ. चारण के सुझावों पर अमल किया। यही वजह रही कि प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाली जय नारायण व्यास यूनिवॢसटी जोधपुर की छात्रा गौरल राज को 7500 रुपए का नकद पुरस्कार दिया। इस प्रकार सवाई टीटी कॉलेज, डीडवाना की छात्रा गार्गी सारस्वत को 5100 रुपए का द्वितीय तथा डीडवाना के बांगड़ कॉलेज की छात्रा सोनू सोलंकी व मिताली वर्मा को 3100 रुपए का संयुक्त रूप से तृतीय पुरस्कार दिया गया। प्रोत्साहन पुरस्कार के तौर पर बीआरएम कॉलेज नागौर के छात्र लक्ष्मण वैष्णव को 2100 रुपए, डीडवाना के महिला कॉलेज की वंदना जांगिड़ को 1100 रुपए, बांदीकुई के कॉलेज के लोकेन्द्र सिंह राजपूत व श्रीगंगानगर के अंबेडकर कॉलेज के दिनेश पूनियां को 1100-1100 रुपए का पुरस्कार दिया गया।
प्रभावी तरीके से रखे तर्क
वर्तमान विमुद्रीकरण राष्ट्रहित में एक साहसिक एवं ऐतिहासिक कदम है, के विषय के पक्ष व विपक्ष में प्रदेश भर के छात्र-छात्राओं ने प्रभावी तरीके से तर्क रखे। नोटबंदी पर जो बहस संसद में सांसदों को करनी चाहिए थी, वह बहस युवाओं ने इस प्रतियोगिता में की। हंगामा कर संसद में भले ही सांसदों ने बहस नहीं होने दी हो, लेकिन युवाओं ने जिस तरीके से अपने तर्क रखे, उससे यह जाहिर होता है कि देश का युवा वर्ग सब समझ रहा है। विद्यार्थियों ने नोटबंदी के पक्ष व विपक्ष में ऐसे तर्क रखे जो आम व्यक्ति से जुड़े हुए थे। इसे दुर्भाग्यपूर्ण ही कहा जाएगा कि इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर संसद में कोई बहस नहीं हुई। काश! देश के सांसद बांगड़ कॉलेज की इस वाद-विवाद प्रतियोगिता को सुन पाते। प्रतियोगिता के प्रभारी डॉ. गजादान चारण से मेरा आग्रह है कि वाद-विवाद प्रतियोगिता की एक-एक सी.डी. पीएम नरेन्द्र मोदी, कांग्रेस के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राहुल गांधी और लोकसभा की अध्यक्ष श्रीमती सुमित्रा महालन को भेजी जाए।

(एस.पी.मित्तल) (21-12-16)
नोट: फोटो मेरी वेबसाइट www.spmittal.in
https://play.google.com/store/apps/details? id=com.spmittal
www.facebook.com/SPMittalblog
Blog:- spmittalblogspot.in
M-09829071511 (सिर्फ संवाद के लिए)
================================
M: 07976-58-5247, 09462-20-0121 (सिर्फ वाट्सअप के लिए)

Print Friendly, PDF & Email

You may also like...