श्रीजी के अंतिम संस्कार में एक लाख श्रद्धालु आए। शोभायात्रा नहीं निकलने से गांव वाले मायूस।

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श्रीजी के अंतिम संस्कार में एक लाख श्रद्धालु आए। शोभायात्रा नहीं निकलने से गांव वाले मायूस।
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15 जनवरी को अजमेर जिले के सलेमाबाद गांव में निम्बार्क पीठ के आचार्य श्रीजी महाराज का अंतिम संस्कार वैष्णव परम्परा के अनुरूप हो गया। इस अवसर पर कोई एक लाख श्रद्धालु उपस्थित थे। श्रद्धालुओं की इतनी भीड़ को नियंत्रित करने में प्रशासन और पुलिस के अधिकारियों को भारी मशक्कत करनी पड़ी। 87 वर्षीय श्रीजी का निधन 14 जनवरी को हो गया था। चूंकि पूरे देश में निम्बार्क पीठ के अनुयायी हैं, इसलिए निधन की खबर के बाद से ही श्रद्धालुओं का सलेमाबाद आना शुरू हो गया था। पहले यह कहा गया कि 15 जनवरी को प्रात: 10 बजे श्रीजी की शोभायात्रा निकाली जाएगी। इसके लिए ग्रामीणों ने अपने घरों के बाहर के मार्ग को साफ-सुथरा भी किया। असल में सलेमाबाद को राज्यसभा के सांसद और भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव भूपेन्द्र यादव ने गोद ले रखा है। सांसद कोष से ही इन दिनों सलेमाबाद में सड़कों का नवीनीकरण हो रहा है। इसलिए गांव की अधिकांश सड़कें उधड़ी पड़ी हैं, लेकिन गांव वालों ने 14 जनवरी की रात को ही बालू रेत मंगवा कर सड़कों को ठीक किया। सलेमाबाद में रह रहे ग्रामीणों ने श्रीजी के अंतिम दर्शनों के लिए अपने रिश्तेदारों को भी बुलाया। ग्रामीणों का यह मानना रहा, जब शोभायात्रा उनके घर के बाहर से निकलेगी तो अंतिम दर्शन कर लिए जाएंगे। लेकिन उधड़ी सड़कों और श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए शोभायात्रा निकालने का निर्णय निरस्त कर दिया गया। शोभायात्रा की जगह मंदिर परिसर में श्रीजी की पार्थिव देह की परिक्रमा करवाई गई और फिर समाधि स्थल पर अंतिम संस्कार किया गया। शोभायात्रा नहीं निकलने से ग्रामीण मायूस नजर आए।
नेताओं का जमघट
सुबह सूचना थी कि सीएम वसुंधरा राजे स्वयं सलेमाबाद आएंगी, लेकिन बदले हुए कार्यक्रम में सीएम ने अपनी ओर से मंत्री राजकुमार रिणवा को भेज दिया। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पूर्व सीएम अशोक गहलोत अपने पक्के समर्थक डॉ. श्रीगोपाल बाहेती के साथ सलेमाबाद पहुंचे और श्रीजी की पार्थिव देह पर पुष्प चढ़ाए। इसी प्रकार अजमेर से जुड़े मंत्री वासुदेव देवनानी, श्रीमती अनिता भदेल, सांसद व राज्य किसान आयोग के अध्यक्ष सांवरलाल जाट, संसदीय सचिव सुरेश सिंह रावत, शत्रुघ्न गौतम, विधायक भागीरथ चौधरी आदि ने भी श्रद्धांजलि दी।
मुरारी बापू भी आए
सुप्रसिद्ध कथावाचक मुरारी बापु भी 15 जनवरी को सलेमाबाद आए। मुरारी बापू विशेष विमान से किशनगढ़ स्थित हवाई अड्डे पर उतरे और फिर सड़क मार्ग से सलेमाबाद गए। मुरारी बापू श्रीजी के अंतिम संस्कार के बाद पहुंचे। बापू ने श्रीजी के उत्तराधिकारी युवाचार्य श्यामशरण के समक्ष अपनी संवेदनाएं व्यक्त की। मालूम हो कि मुरारी बापू भी वैष्णव सम्प्रदाय के हैं। मुरारी बापू सलेमाबाद में भागवत कथा भी कर चुके हैं।
प्रशासन को करनी पड़ी मशक्कत
छोटे से गांव सलेमाबाद में एक लाख लोगों के जुटने से प्रशासन और पुलिस के अधिकारियों को भारी मशक्कत करनी पड़ी। असल में श्रीजी के अंतिम संस्कार में इतने लोगों के आने का अनुमान प्रशासन को भी नहीं लगा। किशनगढ़ के एसडीएम अशोक कुमार और ग्रामीण क्षेत्र के एएसपी भोलाराम ने ही सलेमाबाद में मोर्चा संभाले रखा। इन दोनों अधिकारियों ने जिला एवं पुलिस प्रशासन के बड़े अधिकारियों की गैर मौजूदगी को अखरने नहीं दिया। ये दोनों अधिकारी श्रीजी के निधन के बाद ही सलेमाबाद पहुंच गए। ये दोनों अधिकारी सलेमाबाद में स्थिति सामान्य होने के बाद ही लौटे। भीड़ को नियंत्रित करने में इन दोनों अधिकारियों की महत्वपूर्ण भूमिका रही।
शंकराचार्य ने भी जताया शोक
श्रीजी के निधन पर द्वारका व बद्रीका पीठ के पीठाधीश्वर जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपाचंद्र सरस्वती ने भी शोक प्रकट किया है।
एस.पी.मित्तल) (15-01-17)
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