भारत के सूफी मुसलमानों के लिए खतरा है पाकिस्तान की शाहबाज कलंदर की दरगाह में आतंकी विस्फोट।

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भारत के सूफी मुसलमानों के लिए खतरा है पाकिस्तान की शाहबाज कलंदर की दरगाह में आतंकी विस्फोट।
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पाकिस्तान के सिंध प्रांत स्थित सूफी संत लाल शाहबाज कलंदर की दरगाह में 16 फरवरी को जो आतंकी विस्फोट हुआ, वह भारत के सूफी मुसलमानों के लिए जबरदस्त खतरा है। भारत में जब कभी हिन्दू और मुसलमानों के बीच फसाद होता है तो सूफीवाद की ही दुहाई दी जाती है। इसलिए दिल्ली स्थित निजामुद्दीन ओलिया और अजमेर में सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की मिसाल पेश की जाती है। देश की इन दोनों ही दरगाहों में मुसलमानों से ज्यादा हिन्दू जियारत के लिए जाते हैं। लेकिन लाल शाहबाज कलंदर की दरगाह में विस्फोट कर आतंकियों ने यह बता दिया है कि वे न तो दरगाहों और न ही सूफियो को मानते है। दो दिन पहले ही हमारे सेनाध्यक्ष बिपिन रावत ने कहा कि कश्मीर घाटी में आईएस जैसे आतंकी संगठन सक्रिय है और उन्हें कश्मीर के लोगों का समर्थन है। इतना ही नहीं अलगाववादी तो कश्मीर में मुठभेड़ के दौरान आतंकियों की मदद करते है। भारत के जो राजनेता बार-बार अलगाववादियों की हिमायत में बयान देते हैं। वे अब बताए कि आईएस के आतंकियों ने शाहबाज कलेंदर की दरगाह में किसे मौत के घाट उतारा है। जब आईएस शाहबाज कलंदर की दरगाह में विस्फोट कर सौ लोगों को मौत के घाट उतार सकता है तो फिर क्या कश्मीर घाटी से निकलकर हमारे देश की दरगाहों पर हमला नहीं कर सकता? 17 फरवरी को सूफी संत ख्वाजा साहब की दरगाह के दीवान और मुस्लिम धर्म गुरु जैनुल आबेदीन ने भी माना है कि शाहबाज कलंदर की दरगाह का विस्फोट सूफियों पर हमला है। आबेदीन ने देश के सूफी मुसलमानों से अपील की है कि वे कट्टरपंथियों का मुकाबला करने के लिए एकजुट हों। उनका कहना रहा कि यदि भारत के किसी हिस्से में आईएस के आतंकी सक्रिय हैं तो सेना को उनके खिलाफ सख्त कार्यवाही करनी चाहिए।
दरगाहों की हो विशेष सुरक्षा:
शाहबाज कलंदर की दरगाह में विस्फोट के मद्देनजर अब भारत की प्रमुख दरगाहों की सुरक्षा व्यवस्था कड़ी की जानी चाहिए। देश की दरगाहों में अजमेर की दरगाह को सबसे बड़ा माना जाता है। यहां दरगाह की सुरक्षा केन्द्रीय बलों को सौंपने की बात हो चुकी है, लेकिन सुरक्षा बल की तैनाती तो दूर दरगाह के स्कैनर तक खराब पड़े हैं। दरगाह में प्रवेश करने वालों की कोई प्रभावी जांच भी नहीं होती।
(एस.पी.मित्तल) (17-02-17)
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