पुलिस जब सत्तारूढ़ पार्टी की महिला विधायक को पीट रही है तो आम जनता का अंदाजा लगाया जा सकता है। नहीं सुधर सकती पुलिस।
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21 फरवरी को राजस्थान के कोटा शहर की भाजपा विधायक श्रीमती चन्द्रकान्ता मेघवाल ने एक प्रेस कान्फ्रेंस की। इस कान्फ्रेंस में विधायक चन्द्रकान्ता ने 20 फरवरी की घटना की आपबीती सुनाई। सत्तारूढ़ पार्टी की भाजपा विधायक ने रोते हुए कहा कि पुरूष पुलिसकर्मियों ने जमकर उसकी टांगों-हाथों और कमर पर डंडे बरसाए। पूरे शरीर में चोट के निशान है। उल्टे हाथ की हड्डी टूट जाने के कारण प्लास्टर बंधवाना पड़ा है। महिला विधायक ने कहा कि जब मेरे साथ पुलिस का ऐसा सलूक है तो आम जनता का अंदाजा लगाया जा सकता है। कोटा के महावीर नगर थाने के सीआई श्रीराम गहलोत और पुलिसकर्मी तो मेरा गला दबा कर जान से मारना चाहते थे, लेकिन मेरे पति नरेन्द्र ने बड़ी मुश्किल से मुझे बचाया। अब अपने बचाव में सीआई गहलोत झूठा बयान दे रहे हैं कि मेरे पति ने उन्हें थप्पड़ मारा। चन्द्रकान्ता ने सवाल उठाया कि क्या कोई व्यक्ति थाने के अन्दर सीआई को थप्पड़ मारने की हिम्मत कर सकता है। विधायक ने कहा कि सीआई गहलोत ने पिछले कई दिनों से आम लोगों को बेहद तंग कर रखा था। इसकी शिकायत कई बार कोटा सिटी के एसपी से भी की गई थी। लेकिन सीआई की दादागिरी पर कोई अंकुश नहीं लगा। फलस्वरूप 20 फरवरी को जब परेशान लोग थाने पहुंचे तो विधायक होने के नाते मुझे भी जाना पड़ा। पुलिस ने थाने के अन्दर ही भाजपा के कार्यकर्ताओं को भी दौड़ा-दौड़ा कर पीटा। एसपी ने दोषी थानाधिकारी सहित पांच पुलिसकर्मियों को लाईन हाजिर करने की जो कार्यवाही की है, वह पूरी तरह ना काफी है। ऐसे पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर मुकदमा दर्ज किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि वे जयपुर जाकर मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को भी घटना की जानकारी देगी।
नहीं सुधर सकती पुलिस
जिन लोगों का पुलिस से कभी ना कभी वास्ता पड़ा है, उन्हें पता है कि थाने के अंदर पुलिस वाले किस तरह का बर्ताव करते हैं। जब कभी कोई बड़ा आदमी नाराजगी प्रकट करता है तो पुलिस वाले उस पर ही उल्टा इंतजाम लगा देते हैं। थाने का सीआई तो अपने आपको भगवान से कम नहीं समझता। चूंकि ऊपर तक सैटिंग होती है, इसलिए सीआई की बात को ही सही माना जाता है। पुलिस का रवैया जिस तरह से बिगड़ैल होता जा रहा है, उससे यह कहा जा सकता है कि पुलिस कभी नहीं सुधर सकती।
चोरी और सीनाजोरी
महिला विधायक की पिटाई के बाद जब थाने के सीआई सहित चार पुलिसकर्मियों को लाईन हाजिर किया गया तो कोटा शहर के सारे सीआई एकजुट हो गए। दबाव डालने के लिए ही थानों के मैस में 21 फरवरी शाम को खाना नहीं बनाया गया। सब जानते हैं कि लाईन हाजिर कोई सजा नहीं होती। यह एक सामान्य प्रक्रिया है। सामान्य दिनों में ही पुलिसकर्मियों को थाने से हटाकर पुलिस लाईन में नियुक्त किया जाता है।
विधायक गुंजल ने किया चन्द्रकान्ता का समर्थन
कोटा के ही भाजपा विधायक प्रहलाद गुंजल ने महिला विधायक चन्द्रकान्ता का समर्थन किया। गुंजल ने सवाल उठाया कि आखिर भाजपा विधायक को थाने पर क्यों जाना पड़ा? जाहिर है कि सरकार में अपने विधायक की ही सुनवाई नहीं हो रही है, इससे सरकार से इस बात पर भी सवाल उठते हैं। एक बार यह मान भी लिया जाए कि किसी ने सीआई को थप्पड़ मार दिया तो क्या पुलिस उसकी पत्नी के हाथ, पैर तोड़ देगी? किसी ने कोई अपराध किया है तो उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर कार्यवाही करनी चाहिए। गुंजल ने खुला आरोप लगाया कि कोटा में पुलिस पूरी तरह बेलगाम हो गई है।
(एस.पी.मित्तल) (21-02-17)
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