अजमेर के सीवरेज कांड को अब लोकायुक्त और नवज्योति को उजागर करना ही चाहिए। कोठारी और चौधरी का साधुवाद।
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डेढ़ अरब रुपए खर्च होने के बाद भी अजमेर शहर में सीवरेज सिस्टम शुरू नहीं होने पर राजस्थान के लोकायुक्त न्यायमूर्ति एस एस कोठारी ने स्वप्रेरणा से मामला दर्ज कर लिया है। गत 9 फरवरी को अजमेर के प्रमुख समाचार पत्र दैनिक नवज्योति में सीवरेज सिस्टम को लेकर एक खबर प्रकाशित हुई थी। इस खबर के आधार पर ही लोकायुक्त कोठारी ने मामला दर्ज कर सीवरेज से जुड़े सभी सरकारी विभागों को नोटिस जारी किए हैं। न्यायमूर्ति कोठारी अजमेर के ही रहने वाले है और अजमेर की समस्याओं पर वे अपना दर्द भी बयां करते रहते है। वहीं नवज्योति के प्रधान संपादक दीनबंधु चौधरी भी समस्याओं के निदान के लिए जागरूक रहते हैं। सीवरेज कांड को लेकर कोठारी और चौधरी ने जो जागरूकता दिखाई है वह तब तक जारी रहनी चाहिए, जब तक दोषी अधिकारियों और इंजीनियरों को सजा न मिल जाए। इंजीनियर और अधिकारी पुराने हो या नए, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। ऐसा लगता है कि भ्रष्टाचार की डोर पुराने वाला नए के हाथ में सौंप जाता है। यहीं कारण रहा कि अजमेर में तैनात इंजीनियरों ने गत 26 जनवरी के मौके पर मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे से आनासागर के किनारे बने ट्रीटमेंट प्लांट का उद्घाटन भी करवा दिया। लेकिन 2 माह गुजर जाने के बाद भी यह प्लांट शुरू नहीं हो सका है। यह प्लांट कब शुरू होगा यह सीएम राजे भी नहीं जानती, क्योंकि अजमेर शहर में अभी सीवरेज लाइन का काम ही पूरा नहीं हुआ है। आरोप है कि सीवरेज के पाइप बिछाने में भारी भ्रष्टाचार हुआ था इसलिए टेस्टिंग में सीवरेज सिस्टम फैल हो गया है। अभी पाइप लाइनों की टेस्टिंग भी नहीं हुई है इसलिए घरों से कनेक्शन का तो सवाल ही नहीं उठता। आनासागर जैसा ट्रीटमेंट प्लांट खानपुरा के तालाब में भी बनाया गया था। चूंकि यह प्लांट भी उद्घाटन के बाद शुरू नहीं हो सका, इसलिए अब कबाड़ हो चुका है। यानि सरकार ने अजमेर के सीवरेज सिस्टम पर जो डेढ़ अरब रुपए खर्च किए, वे आनासागर के पानी में बहते नजर आ रहे हंै। यह तब हो रहा है जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की पहल पर अजमेर को स्मार्ट सिटी घोषित किया जा चुका है। न्यायमूर्ति कोठारी को चाहिए कि वे जल्द से जल्द जांच का काम पूरा करें और दोषी इंजीनियरों और अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही के आदेश दे। लेकिन भ्रष्टचारियों को पता है कि राजस्थान का लोकायुक्त बिना दांत वाला शेर है। लोकायुक्त के पास किसी भ्रष्टाचारी को सजा देने का अधिकार नहीं है। लोकायुक्त की जांच में यदि कोई अधिकारी दोषी पाया जाता है तो लोकायुक्त अधिक से अधिक सरकार को कार्यवाही के लिए सिफारिश कर सकता है। भ्रष्टाचारियों को यह भी पता है कि जांच पूरी होने से पहले ही एस एस कोठारी लोकायुक्त के पद से हट जाएंगे।
एस.पी.मित्तल) (04-03-17)
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