नरेन्द्र मोदी के आग्रह के बाद क्या विनम्र बनेंगे अजमेर के भाजपाई?

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16 मार्च को भाजपा संसदीय दल की बैठक में पीएम नरेन्द्र मोदी ने कहा कि अब भाजपा रूपी पेड़ पर फल लगने शुरू हो गए है इसलिए भाजपा के जनप्रतिनिधियों और नेताओं को विनम्र हो जाना चाहिए। मोदी का स्पष्ट कहना था कि भाजपा के सांसदों, विधायकों, स्थानीय निकाय के निर्वाचित प्रतिनिधियों और संगठन में शामिल नेताओं को सत्ता का घंमड नहीं करना चाहिए। मोदी ने यह बात यूपी और उत्तराखंड में भाजपा को मिली बड़ी सफलता के संदर्भ में कही। सब जानते है कि राजस्थान और अजमेर में भी भाजपा सत्ता में है। अजमेर जिले के सात भाजपा विधायकों में से चार को राज्यमंत्री का दर्जा मिला हुआ है। अजमेर के सांसद सांवरलाल जाट भी किसान आयोग के अध्यक्ष की हैसियत से केबिनेट मंत्री की सुविधा ले रहे है। पूर्व विधायक शम्भूदयाल बडग़ुर्जर भी खादी आयोग के अध्यक्ष है तो ओंकार सिंह लखावत धरोहर संरक्षण एवं प्रोन्नति प्राधिकरण के अध्यक्ष है। जिला प्रमुख, मेयर आदि के पदों पर भी भाजपा के नेता विराजमान है। लेकिन अधिकांश भाजपा नेताओं ने विनम्रता का अभाव है। हालत इतनी खराब है कि नेताओं के बीच आपस में ही तालमेल नहीं है। मंत्रियों और विधायकों के व्यवहार से मतदाता बेहद नाराज है। भाजपा का आम कार्यकर्ता भी संतुष्ट नहीं है। पीएम नरेन्द्र मोदी चाहते है कि भाजपा के जनप्रतिनिधि विनम्र बने लेकिन, अजमेर में यदि नेता व मंत्री घंमड छोड़ दे तो भी राहत मिल सकती है। जिन लोगों का इन मंत्रियों, विधायकों से वास्ता पड़ता है उन्हें पता है कि ये लोग किस तरह का व्यवहार करते है। छोटी-छोटी बातों और आलोचनाओं पर ऐसी नाराजगी प्रकट करते है जिससे मोदी की उम्मीदों पर पानी फिर रहा है। जब कोई परेशान व्यक्ति मंत्रियों और विधायकों के घर पर जाता है तो उसके साथ ऐसा सलूक किया जाता है कि वह दोबारा बात करने की हिम्मत नहीं करता है। दिखाने को कई मंत्री अपने घर पर जन सुनवाई का नाटक करते हैं, लेकिन ऐसी जनसुनवाई का कोई मतलब नहीं है। अलबत्ता ठेकेदार प्रवृत्ति के लोग मंत्रियों और विधायकों से बंद कमरे में घंटों बात करते हैं। धनाढ्य व्यक्तियों का काम करवाने के लिए तत्काल संबंधित अधिकारी अथवा इंजीनियर को फोन कर दिया जाता है। लेकिन आम मतदाता को आश्वासन दिया जाता है कि संबंधित विभाग में पत्र लिख दिया जाएगा। जब कोई व्यक्ति विभाग को लिखे पत्र की प्रति मांगता है तो उसे बेइज्जत कर भगा दिया जाता है। भाजपा को अजमेर और राजस्थान में मात्र डेढ़ वर्ष बाद विधानसभा चुनाव का सामना करना है। यदि भाजपा नेता विनम्र नहीं बने तो फिर पीएम मोदी के लिए भी चुनाव जितवाना मुश्किल होगा।
(एस.पी.मित्तल) (16-03-17)
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