योगी का गृह प्रवेश भी चैनलों की सुर्खियां बना। मायावती की प्रतिक्रिया कितनी उचित।

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20 मार्च को यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ का गृह प्रवेश भी न्यूज चैनलों की सुर्खियां बन गया। हालांकि सीएम दिनभर सरकारी बैठकों में व्यस्त रहे, लेकिन सीएम के लखनऊ स्थित सरकारी आवास से चैनलों ने लाईव कवरेज किया। यहां तक कि जब एक पंडित ने मुख्य द्वार के पिलर पर हिन्दू संस्कृति के अनुरूप स्वास्तिक का चिन्ह बनाया, तब भी लाईव कवरेज किया गया। आवास पर रंगीन कपड़ों से जो सजावट की गई, उसके बारे में भी कहा गया कि अब सरकारी आवास का भी भगवाकरण किया जा रहा है। आवास के अन्दर जो हवन और पूजा-पाठ की गई, उसके भी हर चैनल वाले ने अपने नजरिए से अर्थ बताए। कुछ चैनलों ने तो ऐसा दिखाया जैसे सीएम हाऊस में कोई अपराधिक काम हो रहा है। एक चैनल ने तो पूजा-पाठ को शुद्धिकरण की संज्ञा दे दी। बसपा प्रमुख मायावती ने तो सीएम योगी की ड्रेस पर भी एतराज जता दिया है। योगी के केसरिया रंग के कपड़े पहनकर सीएम की शपथ लेने पर भी मायावती ने एतराज जताया है। सब जानते हैं कि मायावती ने चुनाव प्रचार के दौरान किसी तरह से अल्पसंख्यक समुदाय के वोट मांगे थे। इतना सब कुछ करने के बाद भी मायावती को 400 सीटों में से मात्र 19 सीट पर जीत मिली। इतनी करारी हार के बाद भी मायावती कोई सबक नहीं ले रही है। व्यक्ति किसी भी धर्म का हो, लेकिन जब वह नए घर में प्रवेश करता है तो अपने-अपने धर्म के अनुरूप रस्में करता है। यदि योगी आदित्यनाथ भी सीएम हाऊस में प्रवेश से पहले पूजा-पाठ करवा रहे हैं, तो इस पर एतराज क्यों हो रहा है? इस मामले में समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव रामगोपाल यादव ने सकारात्मक प्रतिक्रिया दी है। यादव ने कहा है कि योगी आदित्यनाथ को कम से कम 6 माह का समय दिया जाना चाहिए। एक-दो दिन में किसी भी सीएम के काम का आंकलन नहीं हो सकता। सब जानते हैं कि सीएम पद की शपथ लेने के बाद योगी ने सबका साथ, सबका विकास की बात कही है। ऐसे में योगी सरकार को 6 माह का समय दिया ही जाना चाहिए।
(एस.पी.मित्तल) (20-03-17)
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