इधर अजमेर की दरगाह में देश और पीएम की खुशहाली के लिए दुआ तो उधर मोदी के आने पर 2 अप्रैल को कश्मीर बंद।

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1 अप्रैल को अजमेर स्थित सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह में सालाना उर्स के मौके पर पीएम नरेन्द्र मोदी की ओर से पवित्र मजार पर चादर पेश की गई। पीएम मोदी ने अपनी चादर को खास तौर से केन्द्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी के साथ भेजा। पीएम मोदी की चादर को दरगाह के खादिमों ने पूरा मान सम्मान दिया। चूंकि दरगाह में 6 दिवसीय उर्स के चौथे दिन 1 अप्रैल को जायरीन की संख्या अधिक थी, इसलिए पीएम की चादर को चूमने के लिए जायरीन में हौड़ मच गई। दरगाह के बुलंद दरवाजे से आस्ताना शरीफ तक नकवी बड़ी मुश्किल से चादर को लेकर पहुंचे। खादिमों की संस्था अंजुमन के सदर मोइन सरकार, सचिव वाहिद हुसैन अंगारा आदि पदाधिकारियों ने बड़ी शिद्दत के साथ पीएम की चादर को पेश किया। इस मौके पर खादिमों ने देश व पीएम मोदी की खुशहाली के लिए दुआ की। खादिमों ने पीएम मोदी का शुक्राना अदा दिया कि उन्होंने परम्परा को निभाते हुए उर्स में चादर भेजी है। पीएम की चादर लेकर आए नकवी ने कहा कि मोदी के पीएम बनने के बाद यह तीसरा मौका है जब चादर भेजी गई है। नकवी ने इस मौके पर पीएम का संदेश भी पढ़कर सुनाया। जिसमें मोदी ने कहा कि ख्वाजा साहब ने सूफीवाद का जो सिद्धांत रखा उसी पर देश को आगे बढ़ाना चाहिए। चादर की रस्म के बाद अंजुमन और दरगाह कमेटी के पदाधिकारियों ने प्रधानमंत्री के प्रतिनिधि के तौर पर नकवी की दस्तारबंदी की और पीएम मोदी के लिए दरगाह का तबर्रूक और स्मृति चिन्ह भी भेंट किया। इस अवसर पर नकवी के खादिम अशफान चिश्ती भी उपस्थित रहे।
लेकिन कश्मीर में बंद :
एक ओर ख्वाजा की दरगाह में पीएम मोदी का इतना मान सम्मान हुआ तो वहीं अलगाववादियों के संगठन हुर्रियत ने मोदी के आगमन पर 2 अप्रैल को कश्मीर बंद का आह्वान किया। अजमेर की दरगाह में तो परम्परा को निभाते हुए मोदी ने सिर्फ चादर भेजी, लेकिन कश्मीर में तो पीएम मोदी नागरिकों को एक बहुत बड़ा तोहफा देने जा रहे हैं। जम्मू से श्रीनगर के बीच जो सुरंग बनी है, उसका उद्घाटन पीएम 2 अप्रैल को करेंगे। यह सुरंग देश की ही नहीं बल्कि एशिया की सबसे आधुनिकतम और बड़ी सुरंग है। इस सुरंग के बाद श्रीनगर और जम्मू के बीच की दूरी तो घटेगी, साथ ही सफर भी आसान हो जाएगा। बरसात के दिनों में चट्टानों के गिरने से जो रास्ता बंद होता था, उससे भी छुटकारा मिल जाएगा। यानि पीएम जो तोहफा देने जा रहे हैं उसकी वजह से कश्मीर के लोगों की अनेक समस्या का समाधान हो जाएगा। हो सकता है कि पीएम मोदी अपने संबोधन में और भी राहत की घोषणा कर दें, लेकिन इसे दुर्भाग्यपूर्ण ही कहा जाएगा कि सुरंग के उद्घाटन के मौके पर भी हुर्रियत ने कश्मीर बंद का आह्वान किया है।
(एस.पी.मित्तल) (01-04-17)
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