धौलपुर उप चुनाव में सीएम राजे का पूरा परिवार उतरा। पुत्र दुष्यंत को लेकर चल रही अटकलों पर भी विराम लगाया। =
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राजस्थान के धौलपुर में विधानसभा के उप चुनाव के लिए 9 अप्रैल को मतदान होना है। इस चुनाव को जीतने के लिए सीएम वसुंधरा राजे ने सरकार की ही नहीं, बल्कि अपने पूरे परिवार की ताकत को झौंक दिया है। धौलपुर राजे का ससुराल है। इसलिए चुनाव का संचालन भी राजनिवास से ही हो रहा है। जो लोग कभी राजघराने के महल में नहीं घुसे, वो लोग लोकतंत्र में राजमहल के अंदर खीर-पूड़ी खा रहे हैं। एक-एक मतदाता को राजमहल में बुलाकर सीएम राजे स्वयं संवाद कर रही है। यानि लोकतंत्र और राजतंत्र मिलकर मतदाताओं की जी-हजूरी में लगा हुआ है। दिग्गज मंत्री तो धौलपुर के गली-कूचों में घूम ही रहे हैं। साथ ही राजे के सांसद पुत्र दुष्यंत सिंह और उनकी पत्नी श्रीमती निहारिका भी हाथ जोड़कर भाजपा की उम्मीदवार शोभारानी के लिए वोट मांग रहे हैं। दुष्यंत सिंह और निहारिका को भी मैदान में उतार कर राजे ने उन अटकलों पर विराम लगा दिया है, जो दोनों के संबंधों को लेकर हो रही थी। राजे ने राजनीतिक चतुराई से यह दर्शा दिया है कि बाहरी ताकतों से मुकाबला करने के लिए पूरा परिवार एकजुट है। असल में धौलपुर का उप चुनाव राजे के लिए प्रतिष्ठा का सवाल बन गया है। धौलपुर उत्तर प्रदेश की सीमा से लगा हुआ है। हालांकि यूपी में भाजपा को अपार सफलता मिली है। ऐसे में यदि भाजपा की हार हो जाती है तो राजे की प्रतिष्ठा खराब होगी। राजस्थान में अगले वर्ष ही विधानसभा के चुनाव होने हैं। धौलपुर का उप चुनाव हारकर राजे भाजपा हाईकमान के सामने अपने नंबर कम करवाना नहीं चाहेगी। राजे ने एक साथ पूरे परिवार को उतार कर जातीय समीकरण बैठाने की भी कोशिश की है। राजे का स्वयं का विवाह भी जाट परिवार में हुआ और उन्होंने अपने पुत्र दुष्यंत का विवाह गुर्जर परिवार में किया। यही वजह है कि पुत्रवधू निहारिका गुर्जर बाहुल्य क्षेत्रों में प्रचार कर रही है। इस उप चुनाव को राजे कितनी गंभीरता से ले रही है, इसका अंदाजा शोभारानी की उम्मीदवारी से लगाया जा सकता है। शोभारानी पूर्व विधायक बी.एल. कुशवाहा की पत्नी है। हत्या के आरोप में कुशवाहा को सजा हो गई, इसलिए उप चुनाव हो रहे हैं। कुशवाहा मतदाताओं की सहानुभूति के वोट लेने के लिए ही शोभारानी को भाजपा का उम्मीदवार बनाया गया। यह बात अलग है कि कुशवाहा बसपा के विधायक थे। राजे के लिए एक चुनौती यह भी है कि इस बार बसपा ने कोई उम्मीदवार खड़ा नहीं किया है। कांग्रेस ने जिन बनवारी लाल शर्मा को उम्मीदवार बनाया है, उन्होंने एक बार वसुंधरा राजे को भी हराया है। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सचिन पायलट पूरी ताकत से प्रचार में लगे हुए हैं।
एस.पी.मित्तल) (05-04-17)
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