अलगाववादियों को दरकिनार करने से बौखलाहट में है पाकिस्तान। फायरिंग में फिर हुए 2 जवान शहीद। शवों के साथ बर्बरता। ==================

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अलगाववादियों को दरकिनार करने से बौखलाहट में है पाकिस्तान।
फायरिंग में फिर हुए 2 जवान शहीद। शवों के साथ बर्बरता।
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1 मई को सीज फायर का उल्लंघन कर पाकिस्तान ने कश्मीर सीमा पर जो फायरिंग की, उसकी वजह से भारतीय सेना के 2 जवान शहीद हो गए। पाकिस्तान की ओर से लगातार ऐसे हमले किए जा रहे हैं। कभी आतंकियों को भेजकर कश्मीर घाटी में सेना के कैम्पों पर हमले करवाए जाते हैं तो कभी घाटी में पत्थरबाजों को उकसाया जाता है। असल में केन्द्र सरकार ने अलगाववादियों को जिस तरह से दरकिनार कर रखा है, उससे पाकिस्तान में बौखलाहट है। पाकिस्तान यह चाहता है कि कश्मीर में शांति के लिए अलगाववादियों से ही बातचीत की जाए। केन्द्र सरकार ने पहले ही यह स्पष्ट कर दिया है कि कश्मीर मुद्दे पर अलगाववादियों से कोई वार्ता नहीं की जाएगी। जो लोग संविधान के दायरे में रहकर संवाद करना चाहते हैं, उनसे वार्ता हो सकती है। हालांकि जम्मू कश्मीर की सीएम महबूबा मुफ्ती ने भी अलगाववादियों और अन्य पक्षों से वार्ता की मांग की है। लेकिन इसके बावजूद भी केन्द्र सरकार ने अभी तक भी अलगाववादियों से वार्ता का मन नहीं बनाया है। इसमें कोई दो राय नहीं कि अलगाववादियों को दरकिनार कर केन्द्र सरकार ने आतंकवाद और पत्थरबाजों के खिलाफ सख्त रुख अपनाया है। पूर्व में अलगाववादियों से वार्ता होती रही और आज कश्मीर के हालात बेकाबू हो गए। सरकारों ने जब-जब भी अलगाववादियों से वार्ता की, तब-तब देश को नुकसान हुआ। अलगाववादियों के आगे झुकते हुए ही सरकारों ने घाटी से 4 लाख हिन्दुओं को भगाने पर चुप्पी साधे रखी। घाटी के जो वर्तमान हालात हैं, उसके खिलाफ और सख्त कार्यवाही किए जाने की जरूरत है। इसके साथ ही केन्द्र सरकार को पाकिस्तान को भी सबक सिखाने वाली कार्यवाही करनी चाहिए। असल में घाटी में पाकिस्तान के इशारे पर ही अलगाववादी भारत विरोधी गतिविधियों में सक्रिय हैं। सरकार को पाकिस्तान और अलगाववादियों के खिलाफ एक साथ सख्त कार्रवाई करनी होगी।
शवों के साथ बर्बरता :
1 मई को सेना को जिन हालातों में हमारे दो जवानों के शव मिले, वे बेहद ही क्षत-विप्क्षित थे। पाकिस्तान की एटीएस टीम ने शवों को चाकूओं से गोद रखा था। पाक सेना की ओर से यह कार्यवाही जान-बूझकर की गई। भारतीय सेना ने इस सम्बन्ध में विरोध भी दर्ज कराया है। पाक की ओर से जो ताजा कार्यवाही की गई है, उसको लेकर लोगों में भारी गुस्सा है। अब केन्द्र सरकार पर यह दबाव बनाया जा रहा है कि वह पाकिस्तान के खिलाफ सख्त कार्यवाही करें, जब पाक की ओर से गोलाबारी की जाती है तो फिर भारत को भी मुंहतोड़ जवाब देना चाहिए। सैन्य विशेषज्ञ जी.डी. बख्शी का कहना है कि सेना को तोपों का इस्तेमाल करना चाहिए। हमारी सेना का तोपखाना बेहद मजबूत है। जब तक पाकिस्तान की सीमा पर तोपों से गोले नहीं बरसाए जाएंगे, तब तक पाकिस्तानी सेना बाज नहीं आएगी।
एस.पी.मित्तल) (01-05-17)
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