दुर्दशा की शिकार है अजमेर की कृषि उपज मंडी। व्यापारियों की सुनने वाला कोई नहीं।
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दुर्दशा की शिकार है अजमेर की कृषि उपज मंडी। व्यापारियों की सुनने वाला कोई नहीं।
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अजमेर के ब्यावर रोड स्थित कृषि उपज मंडी इन दिनों दुर्दशा की शिकार है। पिछले 3-4 माह से मंडी में सफाई का कोई इंतजाम नहीं है और मंडी समिति के कर्मचारियों से मिलीभगत कर दबंग लोग फुटकर दुकानें धड़ल्ले से लगा रहे हैं। आए दिन मंडी में जाम के हालात रहते हैं। व्यापारियों का कहना है कि वे प्रतिमाह किराया देने के साथ-साथ माल पर निर्धारित शुल्क भी देते हैं। एक व्यापारी 5 हजार रुपए से लेकर 50 हजार रुपए तक का शुल्क चुकाता है। कायदे से इस शुल्क की एवज में ही मंडी समिति के अधिकारियों को साफ-सफाई का काम करना चाहिए। आरोप है कि मंडी समिति के सचिव मदनलाल सैनी प्रदेश के कृषि मंत्री प्रभुदयाल सैनी के रिश्तेदार हैं। इसलिए कोई सुनवाई नहीं होती। जिला प्रशासन के अधिकारी भी सैनी को कुछ भी कहने की स्थिति में नहीं है। सबको यह पता है कि मंडी के सुरक्षा गार्डों के संरक्षण में अवैध रूप से अस्थाई दुकानें मंडी परिसर में लगाई जाती है। लेकिन ऐसे तत्वों के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं होती। समिति के सचिव मदनलाल सैनी यह मानते हैं कि पिछले कुछ माह से समुचित सफाई नहीं हो रही है। पुराने सफाई ठेकेदार ने काम बंद कर रखा है। 30 मई को टेंडर के जरिए नए ठेकेदार को काम दे दिया जाएगा। जहां तक मंडी परिसर में अवैध अस्थाई दुकानों का सवाल है तो इसके लिए व्यापारी भी जिम्मेदार है। कई थोक व्यापारी अपनी दुकान के आगे लोगों को फुटकर माल बेचने की अनुमति दे देते हैं। सैनी ने कहा कि अवैध रूप से दुकान लगाने वालों के खिलाफ अब सख्त कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने कहा कि कोई भी दुकानदार सीधे उनके पास आकर अपनी समस्या बता सकता है। मंडी के हालात सुधारने के लिए भरपूर प्रयास कर रहे हैं।
एस.पी.मित्तल) (24-05-17)
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