आरसीए का चुनाव तो मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ही लड़ रही हैं। रुचिर और हर्षवद्र्धन तो प्यादें हैं। ==================
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आरसीए का चुनाव तो मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ही लड़ रही हैं।
रुचिर और हर्षवद्र्धन तो प्यादें हैं।
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29 मई को होने वाला राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन का चुनाव तो असल में मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ही लड़ रही हैं। राज्यसभा के सांसद व डूंगरपुर राज्य घराने के सदस्य हर्षवद्र्धन सिंह और भारत से भाग कर इंग्लैंड में बैठे ललित मोदी के बेटे रुचिर तो प्यादें हैं। राजे का मकसद कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव सी.पी.जोशी को मात देना है। चुनाव के तय कार्यक्रम के अनुसार 27 मई को नामांकन पत्रों की जांच के बाद 28 मई की शाम पांच बजे तक नाम वापस लिया जा सकेगा। यदि सी.पी.जोशी अध्यक्ष का चुनाव लड़ते हैं तो वसुंधरा राजे की ओर से हर्षवद्र्धन उम्मीदवार होंगे। लेकिन यदि जोशी नाम वापस ले लेते हैं तो भीलवाड़ा क्रिकेट संघ के अध्यक्ष रामपाल शर्मा को रुचिर मोदी से ही हरवा दिया जाएगा। राजे की रणनीति में सी.पी.जोशी के सामने रुचिर मोदी को कमजोर माना जा रहा है। यह बात अलग है कि राजे की रणनीति जोशी को रुचिर से भी हरवा सकती हैं। लेकिन रुचिर के साथ उनके पिता ललित मोदी का विवादित नाम जुड़ा हुआ है। इसलिए राजे राजनीति का कोई बखेड़ा नहीं करना चाहती। सी.पी.जोशी के समर्थक अपने साथ बहुमत होने का कितना भी दावा कर लेवे, लेकिन राजे की रणनीति को पार पाना मुश्किल है। 26 मई को जब सी.पी.जोशी ने अध्यक्ष के लिए नामांकन दाखिल किया तो इस मौके पर हर्षवद्र्धन ने भी दावेदारी जताई।
सवाल उठता है कि क्या हर्षवद्र्धन, अमीन पठान अथवा महमूद आब्दी के कहने से नामांकन दे देंगे? स्वाभाविक है कि सीएम राजे के कहने पर ही हर्षवद्र्धन मैदान में कूदे हैं। राजे को यह पता है कि हर्षवद्र्धन को राजसिंह डूंगरपुर की ख्याति का लाभ भी मिलेगा। चुनाव चाहे राजनीतिक का हो या क्रिकेट का सभी में साम-दाम-दंड भेद का इस्तेमाल होता है। राजस्थान की राजनीति में रुचि रखने वालों को पता है कि डूंगरपुर राजघराने से जुड़े हर्षवद्र्धन सिंह को किन कारणों से राज्यसभा सदस्य बनाया गया है। जो अमीन पठान कभी ललित मोदी के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाए थे, आज वो ही अमीन पठान रुचिर मोदी को कंधे पर बैठा कर नाच रहे हैं। अमीन पठान वो ही करते हैं जो सीएम राजे कहती हैं। यही वजह है कि आज अमीन पठान राजस्थान हज कमेटी के अध्यक्ष के तौर पर राज्यमंत्री की सुविधाएं भोग रहे हैं। ललित मोदी ने भले ही राजस्थान की क्रिकेट पर कभी एक छत्र राज किया हो, लेकिन आज ललित मोदी और उनके पुत्र रुचिर मोदी पूरे तरह सीएम राजे के रहमो करम पर है। राजे नहीं चाहेगी तो रुचिर मोदी अध्यक्ष का चुनाव नहीं लड़ सकते हैं। 28 मई की सुबह तक जिला क्रिकेट संघों के मतदाताओं को बाड़े में बंद करवा दिया जाएगा। बाड़े में गिनती होने के बाद ही रुचिर मोदी और हर्षवद्र्धन सिंह में से एक मैदान में रहेगा। सी.पी.जोशी की नजर भी राजे के बाड़े पर टिकी हुई है। अंकगणित राजे के साथ होगी तो सी.पी.जोशी चुनाव नहीं लड़ेंगे। जोशी भी जानते हैं कि उनका मुकाबला हर्षवद्र्धन और रुचिर मोदी जैसे प्यादों से नहीं है, उनका मुकाबला राजस्थान की मजबूत सीएम वसुंधरा राजे से हैं।
(एस.पी.मित्तल) (27-05-17)
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