देश प्रेमी मुसलमान अयोध्या में मंदिर निर्माण को तैयार-इन्द्रेश कुमार। मुस्लिम कार सेवक मंच ने रोजा इफ्तार में दुआ की।
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देश प्रेमी मुसलमान अयोध्या में मंदिर निर्माण को तैयार-इन्द्रेश कुमार। मुस्लिम कार सेवक मंच ने रोजा इफ्तार में दुआ की।
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राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य और देश में मुस्लिम आतंकवाद के विरोध में मुहिम चलाने वाले इन्द्रेश कुमार ने कहा कि अयोध्या में भगवान राम के मंदिर के निर्माण के लिए देशप्रेमी मुसलमान तैयार हैं। ऐसे मुसलमान आर्थिक सहयोग भी देना चाहते हैं। 11 जून को एक न्यूज चैनल से संवाद करते हुए इन्द्रेश कुमार ने कहा कि अब देश के मुसलमानों की सोच में तेजी से बदलाव हो रहा है। वैसे भी बाबर और मीर बाकी जैसे लोग इस देश पर अत्याचार और आक्रमण करने वाले थे। एक आक्रमणकारी के नाम पर अयोध्या में मस्जिद कैसे हो सकती है? इस्लाम के अनुसार खुदा की इबादत का स्थान किसी आक्रमणकारी इंसान के नाम पर नहीं हो सकता। इतिहास गवाह है कि अत्याचारी बाबर ने भगवान राम के जन्म स्थान को तोड़कर एक ढांचा तैयार करवाया था। इस ढांचे की वजह से देश में बहुत खून-खराबा हो चुका है। मुल्क में शांति के लिए जरूरी है कि अयोध्या में जल्द मंदिर निर्माण हो।
रोजा इफ्तार में हुई दुआ :
वहीं 10 जून को अयोध्या में सरयू नदी के तट पर मंदिर निर्माण को लेकर एक अनोखी पहल की गई। मुस्लिम कार सेवक संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष आजम खान के नेतृत्व में सरयू तट पर वैदिक मंत्रोच्चार के बीच हवन-पूजन किया। शाम को रोजा इफ्तार में मंदिर निर्माण के लिए दुआ की गई। खान ने कहा कि रोजे में मांगी गई दुआ कबूल होती है, इसलिए इंशाअल्लाह राम मंदिर का निर्माण होकर रहेगा। उन्होंने कहा कि मुस्लिम समाज जागरूक होने लगा है और राम मंदिर के हक में आवाज बुलंद करना भी शुरू कर चुका है। उन्होंने कहा कि मुस्लिमों को गुमराह कर बहकाने वाले भी बेनकाब होंगे। उन्होंने कहा कि मुस्लिमों को बहला कर अपना उल्लू सीधा करने वालों ने ही मासूम कारसेवकों पर गोलियां चलवाईं। उन्हें इसका अभिशाप भुगतना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि कार सेवक भगवान राम के मोहब्बत में आए थे लेकिन यहां नफरत का शिकार हो गए, इसलिए मुस्लिम कार सेवक मंच उस घटना को लेकर प्रायश्चित करता है।
मंच के बुजुर्ग कार्यकर्ता सगीर कादरी ने कहा कि अल्लामा इकबाल ने भगवान राम को इमामे हिन्द माना था, हमें भी उन्हें इमामे हिन्द मानने में कोई परहेज नहीं होना चाहिए। उन्होंने बताया कि बीते दस सालों से वह रमजान महीने के 20वीं तारीख से ईद की रात तक घर-बार से दूर मस्जिद में रह कर एतकाफ करते रहे हैं। उन्होंने बताया कि इस साल भी वह दस दिनों के अपने एकांतवास में राम मंदिर निर्माण के लिए ही दुआ मांगेंगे।
हरिगोपाल धाम के महंत जगदगुरु रामदिनेशाचार्य ने मुस्लिम कार सेवक मंच की इस पहल का स्वागत करते हुए कहा कि सौहार्द की भावना ऐसे ही कार्य व्यवहार से पैदा होती है।
रोजा इफ्तार के कार्यक्रम में मंच के सदस्य फहीम सईद, मो. खान, असद सिद्दिकी, रफीक खान, गुफरान अहमद व सरदार हैदर के अलावा बड़े हनुमान मंदिर के महंत छविराम दास, स्वामी मधुसूदनाचार्य, रजनीश दास व करतलिया बाबा आश्रम के महंत राम दास सहित वैदिक आचार्यगण भी शामिल रहे।
एस.पी.मित्तल) (11-06-17)
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