मार्बल मंडी से अतिक्रमण हटाने पर किशनगढ़ प्रशासन का नरम रुख। मार्बल एसोसिएशन भी सक्रिय हुई।
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किशनगढ़ मार्बल मंडी से अतिक्रमण हटाने पर अब प्रशासन ने नरम रुख अपनाया है। 2 अगस्त को सुबह बड़ी संख्या में पुलिस फोर्स के साथ प्रशासन के अधिकारी अतिक्रमण हटाने के लिए मंडी क्षेत्र में पहुंच गए थे। लेकिन मार्बल एसोसिएशन के अध्यक्ष सुरेश टांक के नेतृत्व में जमा हुए सैकड़ों कारोबारियों ने प्रशासन की कार्यवाही का विरोध किया। टांक का कहना था कि जब कारोबारी अपना अतिक्रमण स्वेच्छा से हटाने को तैयार हैं तो फिर प्रशासन को जबरन कोई कार्यवाही नहीं करनी चाहिए। इसके जवाब में प्रशासन के अधिकारियों का कहना था कि हाईकोर्ट के आदेश के बाद अतिक्रमण हटाए जा रहे हैं। चूंकि प्रशासन ने हाईकोर्ट में यह लिखकर दिया है कि 2 अगस्त से अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही शुरू कर दी जाएगी, इसलिए आज अतिक्रमण हटाना जरूरी है। इसके जवाब में सुरेश टांक ने कहा कि जिस मंदिर भूमि से अतिक्रमण हटाए जाने हैं वहां पहले से ही पचास प्रतिशत भूमि खाली हो गई है। मौके पर वाद-विवाद के बाद उपखंड अधिकारी अशोक कुमार के दफ्तर में मार्बल एसोसिएशन के प्रतिनिधियों और प्रशासन के अधिकारियों की एक बैठक हुई। इस बैठक में प्रशासन ने साफ कर दिया कि हाईकोर्ट ने जिस 64 बीघा भूमि को श्री रघुनाथ मंदिर की माना है उसे अतिक्रमण मुक्त किया ही जाएगा। यदि व्यापारियों ने भूमि पर से मार्बल के पत्थर और निर्मित ढांचा नहीं हटाया तो फिर जेसीबी से हटाया जाएगा। प्रशासन के नरम रुख की वजह से 2 अगस्त का दिन शांतिपूर्ण गुजर गया है। जिला कलेक्टर गौरव गोयल ने भी कहा है कि प्रशासन हाईकोर्ट के आदेशों की क्रियान्विति करेगा, लेकिन साथ ही व्यापारियों को कम से कम नुकसान हो इसका ध्यान रखा जाएगा। मालूम हो कि हाईकोर्ट ने मंदिर की 64 बीघा भूमि को कृषि भूमि मानते हुए मार्बल कारोबारियों के अतिक्रमण हटाने के आदेश दे रखे हैं।
एस.पी.मित्तल) (02-08-17)
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