राजस्थान पत्रिका को दिख जाते हैं हुक्काबार, लेकिन अजमेर पुलिस को नहीं। ऐसा क्यों? =========

#2857
राजस्थान पत्रिका को दिख जाते हैं हुक्काबार, लेकिन अजमेर पुलिस को नहीं। ऐसा क्यों?
=========
3 अगस्त के राजस्थान पत्रिका के अजमेर संस्करण के अंतिम पृष्ठ पर हुक्काबार को लेकर एक खोजपूर्ण स्टोरी छपी है। इस स्टोरी में बताया गया है कि शहर के किन-किन स्थानों पर अवैध रूप से हुक्काबार चल रहे हैं। स्टोरी के साथ हुक्काबार के फोटो भी है। एक हुक्काबार तो क्रिश्चियन गंज पुलिस स्टेशन के निकट ही चलना बताया गया है। स्वाभाविक हैं कि जब पत्रिका मे खबर छपी है तो पुलिस कार्यवाही तो करेगी। सवाल उठता है कि जब पत्रिका को अवैध रूप से चलने वाले हुक्काबार दिख जाते हैं, तो अजमेर पुलिस को क्यों नहीं दिखते? सब जानते हैं कि हुक्काबार युवा पीढ़ी को नशे के दलदल में ढकेलने वाले हैं। कम से कम पुलिस को ऐसे हुक्काबारों के खिलाफ तो ईमानदारी से कार्यवाही करनी ही चाहिए। यह तर्क बेमानी है कि पुलिस को पता नहीं होता। किसी इलाके में हुक्काबार चलता रहे और संबंधित क्षेत्र के थाना अधिकारी को पता न चले, यह बात गले नहीं उतरती। इसमें कोई दो राय नहीं कि अजमेर में पत्रिका ने हुक्काबार के खिलाफ अभियान चला रखा है। इससे पहले भी पत्रिका में खबर छपने के बाद ही पुलिस ने हुक्काबार बंद करवाएं। अब एक बार फिर पत्रिका ने अपना सामाजिक दायित्व निभाते हुए हुक्काबार के बारे में जानकारी दी है। अच्छा हो कि अजमेर पुलिस भी ईमानदारी के साथ अपना दायित्व निभाए।
एस.पी.मित्तल) (03-08-17)
नोट: फोटो मेरी वेबसाइट www.spmittal.in
https://play.google.com/store/apps/details? id=com.spmittal
www.facebook.com/SPMittalblog
Blog:- spmittalblogspot.in
M-09829071511 (सिर्फ संवाद के लिए)
================================
M: 07976-58-5247, 09462-20-0121 (सिर्फ वाट्सअप के लिए)

Print Friendly, PDF & Email

You may also like...