महबूबा मुफ्ती बताएं कि इससे ज्यादा और क्या हालात बिगडेंगे कश्मीर के। अनुच्छेद 370 हटने पर ही सुधरेंगे हालात।

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11 अगस्त को दिल्ली में जम्मू कश्मीर की सीएम महबूबा मुफ्ती ने पीएम नरेन्द्र मोदी से मुलाकात की। महबूबा ने पीएम से कहा कि यदि अनुच्छेद 370 को हटाने की कोशिश की गई तो कश्मीर पर प्रतिकूल असर पड़ेगा। कश्मीर के लोगों में गलत संदेश जाएगा। इससे पहले भी महबूबा ने कहा था कि 370 हटने पर कश्मीर में तिरंगे को कंधा देने वाला भी नहीं मिलेगा। महबूबा मुफ्ती अनुच्छेद 370 को हटाने को लेकर इतना चिंतित हो रही है, लेकिन महबूबा को यह भी बातना चाहिए कि इससे ज्यादा कश्मीर के हालात क्या बिगड़ेंगे? आज हमारे सुरक्षा बल तैनात न हो तो कश्मीर के अलगाववादी स्वयं को पाकिस्तान में शामिल होने की घोषणा कर दें। महबूबा खुद जानती हैं कि कश्मीर मेंं जब हमारे सुरक्षा बल आतंकवादियों से मुकाबला करते हैं तो कश्मीरी हमारे जवानों पर पत्थर फेंकते हैं और पाकिस्तान के झंडे को लहराया जाता है। कोई भी कश्मीरी भारत जिंदाबाद का नारा नहीं लगाते हैं। बल्कि पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाए जाते हैं। कुछ थोड़े बहुत कश्मीरी यदि भारत के प्रति वफादारी दिखाते हैं तो उनकी हत्याएं की जाती हैं। यह सब इसलिए हो सका कि कश्मीर में अनुच्छेद 370 लागू हैं। यदि इस अनुच्छेद के अंतर्गत कश्मीर को विशेष अधिकार नहीं मिलते तो आज कश्मीर घाटी हिन्दू विहीन नहीं होती। महबूबा को अनुच्छेद 370 के हटने की तो चिंता है, लेकिन चार लाख हिन्दुओं की चिंता नहीं है। घाटी से भगाए गए हिन्दू आज भी शरणार्थी जीवन व्यतीत कर रहे हैं। महबूबा बताए कि क्या हमारे कश्मीर में हिन्दुओं को रहने का अधिकार नहीं है? महबूबा माने या नहीं लेकिन कश्मीर के हालात तब तक नहीं सुधरेंगे, जब तक 370 लगी रहेगी। यदि हालात सुधारने हैं तो तत्काल प्रभाव से 370 को हटाना चाहिए। अनुच्छेद 370 का लाभ देश के अन्य हिस्सों में रह रहे मुसलमानों को भी नहीं मिलता। मुलाकात के बाद महबूबा ने दावा किया पीएम का रुख सकारात्मक रहा है। असल में पीएम मोदी को भी जम्मू कश्मीर में महबूबा के साथ भाजपा गठबंधन की सरकार चलाने का मोह त्यागना होगा। मोदी जब विपक्ष में थे तो अनुच्छेद 370 को हटाने की मांग करते थे। लेकिन आज जब मोदी सत्ता में है तो अपनी ही मांग से पीछे हट रहे हैं। मालूम हो कि एक स्वयं सेवी संगठन ने सुप्रीम कोर्ट में अनुच्छेद 370 को चुनौती दी है। चूंकि यह अनुच्छेद संविधान का हिस्सा नहीं है, इसलिए हो सकता है कि सुप्रीम कोर्ट इस अनुच्छेद को हटाने के आदेश दे दे। ऐसे में सुप्रीम कोर्ट में सरकार का रुख बहुत महत्त्वपूर्ण होगा। महबूबा चाहती हैं कि केन्द्र सरकार सुप्रीम कोर्ट में 370 के पक्ष में हलफनामा दे।
एस.पी.मित्तल) (11-08-17)
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