काश गरीबों के लिए बना खाना मंत्री और अफसर खाते। अजमेर के सरकारी अस्पताल मंे मिलेगा दस रुपए में भोजन।
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अजमेर के सरकारी जवाहर लाल नेहरू अस्पताल में भर्ती मरीजों के परिजन एवं आम लोगों को अब दस रुपए में भरपेट भोजन मिलेगा। सरकार की अक्षय कलेवा योजना का शुभारंभ 4 सितम्बर को प्रदेश के स्कूली शिक्षा मंत्री वासुदेव देवनानी ने किया। इस मौके पर प्रशासन के अधिकारी भी उपस्थित थे। सभी ने अपने भाषणों में कहा कि दस रुपए में मिलने वाला भोजन न केवल स्वादिष्ट है, बल्कि पौष्टिक भी है। लेकिन किसी भी नेता अफसर ने गरीबों का भोजन चखा तक नहीं। फोटो खींचवाने के लिए मंत्री देवनानी ने थाली में खाद्य सामग्री रखकर गरीबों को वितरित की। सवाल उठता है कि जब भोजन स्वादिष्ट और पौष्टिक है तो फिर मंत्री और अफसरों ने स्वयं क्यों नहीं खाया? आमतौर पर भाजपा के बड़े नेता गरीबों के घर जाकर भोजन करने का नाटक करते हैं। लेकिन 4 सितम्बर को जब हकीकत में गरीबों का खाना खाने का अवसर मिला तो भाजपा के नेता कन्नी काट गए। इसे कहते हैं कथनी और करनी में अंतर। वैसे भी ऐसे कैसे हो सकता है कि जो मंत्री और अधिकारी 5 सितारा होटलों में तीन हजार रुपए वाला भोजन करते हो वे दस रुपए वाला भोजन कैसे करें? गरीबों के वोट से मंत्री बन कर तीन हजार रुपए वाला खाना खाने वाले नेता भले ही गरीबों का खाना नहीं खाए, लेकिन कम से कम गरीबों को तो दस रुपए में खाना उपलब्ध करवा रहे हैं।
अन्नपूर्णा में नहीं मिलती चपातीः
मुख्यमंत्री वसंुंधरा राजे की अन्नपूर्णा योजना में 8 रुपए में मिलने वाले भोजन में गरीबों को चपाती नहीं मिलती है, लेकिन अक्षय पात्र योजना के अंतर्गत अजमेर के जवाहर लाल नेहरू अस्पताल में गरीबों को दस रुपए वाले भोजन में सब्जी के साथ चपाती भी मिलेगी। मेयर धर्मेन्द्र गहलोत और कलेक्टर गौरव गोयल ने उम्मीद जताई है कि इससे अस्पताल में आने वाले मरीजों के परिजन को फायदा होगा।
एस.पी.मित्तल) (05-09-17)
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